गरीब परिवार ने पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों से की थी लिखित शिकायत, पीड़ित परिवार के पैतृक गांव जाते ही दबंगों ने घटनाक्रम को दिया अंजाम, पूरे महीने की इबादत और अचानक बन गए हैवान
आजमगढ़। शहर के हृदय स्थल पर स्थित मातबरगंज मोहल्ले में शंकर जी तिराहे के समीप रहने वाले गरीब परिवार ने घर पर कब्जा का अंदेशा जताते हुए कुछ समय पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों से लिखित शिकायत की थी। पुलिस द्वारा शिकायत को संज्ञान में लिया गया और पीड़ित परिवारों को आश्वस्त किया था कि कहीं कुछ नहीं होगा। वहां कई दशकों से रह रहे परिवारों को मिली आश्वासन की घुट्टी भी काम नहीं आई जब सोमवार की देर रात दबंगों द्वारा दर्जनों की संख्या में उस समय धावा बोल दिया गया जब एक परिवार के लोग कुछ घंटों के लिए अपने मकान में ताला जड़कर पैतृक गांव गए हुए थे। घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची परिवार की महिला ने रोते हुए बताया कि मेरा तो सबकुछ लुट गया। रात के अंधेरे में आए दबंगों ने सबसे पहले इलाके के प्रकाश व्यवस्था को भंग कर दिया और फिर घर में छत के रास्ते आंगन में उतर गए। उस दौरान गहरी नींद में सोए अगल बगल के लोगों की इसकी आहट नहीं लग सकी। देर रात तोड़फोड़ की आवाज सुनकर जबतक पड़ोसी जगे तब तक घर में मौजूद सामान को घर ढहा रहे लोग ठिकाने लगा चुके थे।
पूरे महीने की इबादत और अचानक बन गए हैवान
सूबे की राजधानी में रहने वाले धनाढ्य परिवार की शह पर सोमवार की रात ढहाए गए मकान में रखे सामानों को लूट ले जाने वाले दबंग भू-माफिया व उसके लोग रमजान के मौके पर पीड़ित परिवार के साथ घुल-मिल कर ईश्वर का वास्ता देते हुए उनका विश्वास जीतने की कोशिश में लगे थे। उनका कहना था कि हमें अल्लाह के कोप से डर लगता है हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे किसी को कोई तकलीफ़ हो। पीड़ित परिवार को क्या पता था कि खुद को ईश्वर का दूत बताने वाले लोग इबादत का पवित्र महीना गुजरते ही हैवान बन जाएंगे। पिछले कुछ समय से शहर की बेशकीमती जमीन पर नजर गड़ाए लोगों के इस कृत्य से इलाके के लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि योगी राज में भूमाफियाओं के खिलाफ चल रहे अभियान के मद्देनजर नजर अब यह देखना होगा कि अपने मेहनत की गाढ़ी कमाई लुटा बैठे पीड़ित परिवार को इस मामले में आखिर कैसा न्याय मिल पाता है।
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