अतीक-अशरफ हत्या और पोस्टमार्टम से जुड़ी बड़ी बातें इन धाराओं में FIR, इस पिस्टल से हुई हत्या
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर शनिवार रात को प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में दोनों की मौत हो गई थी। मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाने के दौरान अहमद (60) और अशरफ जब पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे, तभी वहां पत्रकारों के भेष में आए तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दी थी।
पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल और अन्य समान मिला है। सूत्रों के अनुसार तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आये और घटना को अंजाम दिया। उन्होंने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे। हत्या के तीनों आरोपियों को रविवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। आरोपियों का नाम लवलेश तिवारी, मोहित ऊर्फ सनी और अरुण कुमार मौर्य है।
हत्या में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्रयागराज के धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने शाहगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या के प्रयास) के अलावा आयुध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 3, आर्म्स एक्ट की धारा 7, आर्म्स एक्ट की धारा 25, आर्म्स एक्ट की धारा 27 और आपराधिक कानून संसोधन की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
एफआईआर में कहा गया, "तीनों आरोपियों का कहना है कि हम लोग अतीक-अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे, जिससे प्रदेश में हमारा नाम होता। हम कई दिनों से मारने की फिराक में थे। लेकिन सही समय या मौका नहीं मिला पा रहा था। हत्या करने के उद्देशय के बारे में पूछे जाने पर तीनों अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग अतीक और अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे। अतीक अहमद और अशरफ के पुलिस रिमांड की सूचना जब से हमें मिली थी तब से हम लोग मीडिया कर्मी बनकर भीड़ में रह रहे थे। आज मौका मिला तो हमने घटना को अंजाम दिया।
दोनों की हत्या में तुर्की की कंपनी में बनी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। पिस्टल को बीते साल सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों का दावा है कि करीब 6-7 लाख रुपए कीमत की जिगाना पिस्टल पाकिस्तान से अवैध तरीके से ड्रोन वगैरा के जरिए सप्लाई की जाती है। जानकारों की मानें तो मलेशियाई सेना, अज़रबैजानी सशस्त्र बल और फिलीपीन राष्ट्रीय पुलिस इसका प्रयोग करती है। अज़रबैजान : Zəfər, Zəfər-K, Zəfər-P और इनाम संस्करण अज़रबैजानी सशस्त्र बलों और पुलिस इकाइयों द्वारा उपयोग होता है।
पोस्टमार्टम के बाद सूत्रों के अनुसार अतीक अहमद के बॉडी में आठ गोलियां मिली हैं। उसको पोस्टमार्टम पांच डॉक्टरों की टीम ने किया है। पोस्टमार्टम प्रयागराज स्थित स्वरूपरानी अस्पताल में किया गया। सूत्रों की मानें तो दोनों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई है।
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