एसटीएफ को एसएन सिंह समेत 9 लोगों की 3 दिन की रिमांड मिली, परामर्श समिति से भी पूछताछ
लखनऊ। आयुष कॉलेजों में हेराफेरी कर हुए दाखिले में गहनता से पूछताछ के लिए एसटीएफ के अनुरोध पर विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट साक्षी गर्ग ने प्रो. एसएन सिंह समेत नौ लोगों को 3 दिन के लिए रिमांड में दिए जाने का आदेश दिया है। रिमांड की अवधि 23 नवंबर को दिन में 11 बजे से 26 नवंबर को 11 बजे तक प्रभावी होगी।
अदालत के समक्ष पुलिस रिमांड पर दिए जाने वाली यह अर्जी एसटीएफ के निरीक्षक एवं विवेचक अतुल कुमार सिंह ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत की है। अर्जी में जिला कारागार में निरुद्ध प्रोफेसर सत्यनारायण सिंह, डॉ. उमाकांत, हर्षवर्धन तिवारी उर्फ सोनल, सौरव मौर्य, इंद्र देव मिश्रा, रूपेश रंजन पांडे , कुलदीप सिंह, कैलाश चंद्र भास्कर एवं राजेश सिंह को पुलिस अभिरक्षा में दिए जाने का अनुरोध किया गया।
विवेचक ने अर्जी में कहा है कि विवेचना के दौरान पाया गया कि अभियुक्त कुलदीप सिंह द्वारा नकद एवं उपहार के रूप में घूस सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया गया है। जिनके संबंध में नए साक्ष्य उपलब्ध हो चुके हैं। जिस कारण इस संबंध में सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ कर बरामदगी करनी है। इसके अलावा कुलदीप सिंह वर्मा व अन्य अभियुक्तों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करनी है। अदालत ने कहा है कि पुलिस रिमांड अवधि में आरोपियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा तथा विवेचक द्वारा पुलिस रिमांड के दौरान बरामद समस्त सामान व कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाएगी।
आयुष कॉलेजों में छात्रों के दाखिले में हुई हेराफेरी के मामले में एसटीएफ ने काउंसिलिंग समिति के कई सदस्यों को पूछताछ के लिए बुधवार को दफ्तर बुलाया। सूत्रों ने बताया कि एसटीएफ काउंसिलिंग समिति के सदस्यों से पूछताछ कर उनकी भूमिका के बारे में जानकारी हासिल कर रही है।
इस समिति में तत्कालीन डायरेक्टर एसएन सिंह और प्रोफेसर व काउंसिलिंग प्रभारी उमाकांत (दोनों जेल में) के अलावा राजकीय तकमील कॉलेज लखनऊ के डॉ. बच्चू सिंह एवं डॉ. मजाहिर आलम, राजकीय नेशनल होम्योपैथिक कॉलेज के डॉ. एसएस पाल एवं डॉ. अशोक कुमार सिंह शामिल थे। यूनानी निदेशालय से डॉ. मोहम्मद वसीम और होम्योपैथी से डॉ. वीके पुष्कर भी नामित थे। इनमें से पांच सदस्यों से एसटीएफ ने लंबी पूछताछ की।
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