प्रधानमंत्री ने ‘पी0एम0 किसान सम्मान निधि’ के अन्तर्गत देश के 09 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रु0 से अधिक की धनराशि ऑनलाइन अन्तरित की
लखनऊ: 25 दिसम्बर, 2020
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती के पावन अवसर पर आज ‘पी0एम0 किसान सम्मान निधि’ के अन्तर्गत देश के 09 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आॅनलाइन अन्तरित की। इससे उत्तर प्रदेश के 2.13 करोड़ से अधिक किसान 4,260 करोड़ रुपये की सम्मान राशि से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रदेश के जनपद महराजगंज के किसान राम गुलाब सहित अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों के किसानों से संवाद भी किया। इस कार्यक्रम का देश व प्रदेश के सभी विकास खण्डों, ग्राम पंचायत क्षेत्रों मंे अवलोकन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखण्ड परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर प्रधानमंत्री द्वारा पी0एम0 किसान सम्मान निधि के तहत धनराशि अन्तरण कार्यक्रम का अवलोकन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कहा कि भारत सरकार किसानों के हित और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। आत्मनिर्भर किसान ही आत्मनिर्भर भारत का आधार हो सकते हैं। भारत सरकार कृषि सुधारों के सम्बन्ध में तर्क और तथ्य के आधार पर खुले मन से चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ एप्रोच में बदलाव जरूरी है। 21वीं सदी मंे कृषि को आधुनिक और लाभकारी बनाने की आवश्यकता है। नए कृषि कानूनों के बाद किसान जिसे चाहे, जहां चाहे अपनी उपज बेच सकता है। किसान अपनी उपज एम0एस0पी0 पर, मण्डी में, व्यापारी को, दूसरे राज्य में, एफ0पी0ओ0 के माध्यम से, जहां भी उचित मूल्य मिले बेच सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधारों के बारे में असंख्य भ्रम फैलाये जा रहे हैं। इन कानूनों को लागू हुए कई महीने बीच चुके हैं। हाल के दिनों में सरकार ने एम0एस0पी0 में वृद्धि की है। यह नए कानूनों और सुधारों के बाद किया गया है। कृषि सुधारों से सरकार ने अपनी जिम्मेदारियां बढ़ाई हैं। नए कृषि सुधारों में सुनिश्चित किया गया है कि खरीददार कानूनन समय से भुगतान के लिए बाध्य है। व्यवस्था है कि खरीददार को फसल क्रय के बाद रसीद देनी होगी। साथ ही, तीन दिन में मूल्य का भुगतान भी करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के साथ हर कदम पर खड़ी है। इसलिए व्यवस्था की गई है कि कानून और तंत्र किसान के पक्ष में हो। यदि किसी वजह से किसान की उपज बरबाद हो जाती है, तो भी उससे एग्रीमेण्ट करने वाले को किसान को उपज का मूल्य देना होगा। किसान से एग्रीमेण्ट करने वाला, एग्रीमेण्ट समाप्त नहीं कर सकता, जबकि किसान एग्रीमेण्ट खत्म कर सकता है। किसान की उपज से एग्रीमेण्ट करने वाले को अधिक लाभ होने पर उसे किसान को बोनस भी देना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधारों से भारतीय कृषि में बड़े पैमाने पर तकनीक का प्रवेश होगा। इससे किसान की उपज में वृद्धि होगी। किसानों द्वारा अपने उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग की जा सकेगी। कृषि उपज में वैल्यू एड की जा सकेगी। इससे भारतीय कृषि उपज की मांग पूरी दुनिया में होगी। हमारे किसान निर्यातक भी बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे अन्य क्षेत्रों में ब्राण्ड इण्डिया स्थापित हुआ है, इसी प्रकार विश्व के कृषि बाजारों में ब्राण्ड इण्डिया स्थापित होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वापजेयी की जयन्ती सुशासन दिवस के रूप में मनाई जा रही है। अटल जी ने सदैव गांव, गरीब, किसान को प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना सहित विभिन्न योजनाएं उनके द्वारा संचालित की गई। वर्तमान सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों को जमीन पर उतारा गया है, उसके सूत्रधार श्रद्धेय वाजपेयी जी ही थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी भ्रष्टाचार को रोग मानते थे। वर्तमान में दिल्ली से निकला प्रत्येक रुपया सीधे लाभार्थी के खाते में जाता है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि इसका एक उदाहरण है। यही गुड गवर्नेंस है। उन्होंने कहा कि पी0एम0 किसान निधि योजना के शुरू होने के बाद से अब तक 01 लाख 10 हजार करोड़ रुपये किसानों के खातों में अन्तरित किये जा चुके हैं। तकनीक के प्रयोग से यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई लीकेज न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के रजिस्ट्रेशन एवं आधार वेरीफिकेशन के बाद पी0एम0 किसान सम्मान निधि का लाभ पूरे देश के किसानों को मिल रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार के असहयोग के कारण वहां की लगभग 70 लाख किसान इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों के कारण कम जमीन और संसाधनों वाले किसानों को नुकसान हुआ। गरीब किसान को बीज, खाद, बिजली, सिंचाई के साधन सुलभ नहीं हुए। उसके उत्पाद की खरीद भी नहीं हुई। इससे गरीब किसान और गरीब होता गया। देश में ऐसे किसानों की संख्या 80 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में सत्ता मंे आने के बाद उनकी सरकार ने किसानों की स्थिति में बदलाव के गम्भीर प्रयास किये। दुनिया भर में कृषि के क्षेत्र में आए बदलावों का अध्ययन कर अलग-अलग लक्ष्य बनाकर एक साथ कार्य शुरू किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि की लागत कम करने एवं उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किये गये। मृदा परीक्षण, सोलर पम्प, यूरिया कोटिंग, पी0एम0 फसल बीमा योजना शुरू की गई। पी0एम0 फसल बीमा योजना में मामूली प्रीमियम के भुगतान पर किसानों को 87 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि दशकों से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कर, माइक्रो इरिगेशन को प्रोत्साहित कर हर खेत को सिंचाई सुविधा सुलभ कराने का प्रयास किया गया। फसल की उचित कीमत दिलाने के लिए स्वामीनाथन कमेटी के अनुसार लागत से डेढ़ गुना एम0एस0पी0 निर्धारित की गई। पहले कुछ ही फसलों की एम0एस0पी0 घोषित की जाती थी। इनकी संख्या बढ़ाई गई। वर्तमान में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकाॅर्ड मात्रा में खरीद और किसान को रिकाॅर्ड धनराशि का भुगतान किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फसल बेचने के लिए किसान को मण्डी के अलावा विकल्प मिलंे, इसके लिए मण्डियों को आॅनलाइन जोड़ा गया। इससे किसानों ने 01 लाख करोड़ रुपये का करोबार किया। सामूहिक रूप से कारोबार करने के लिए किसानों को जोड़ा गया। 10 हजार एफ0पी0ओ0 का गठन कर, उनकी सहायता की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गांव के पास भण्डारण सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसे प्राथमिकता दी जा रही है। गांव के पास भण्डारण एवं कोल्ड स्टोरेज विकसित करने के लिए करोड़ों रुपए की धनराशि की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, खेती से जुड़े व्यवसायों यथा मधुमक्खी पालन, पशुपालन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में किसानों को बैंकिंग सुविधा के लिए 07 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। वर्तमान में 14 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे किसानों को आसानी से ऋण प्राप्त हो सके। 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन, पशुपालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा अनुमन्य की गई है। विगत कुछ वर्षों में अनेक कृषि संस्थान स्थापित करने के साथ ही, कृषि की पढ़ाई की सीटों में वृद्धि की गई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा गांव के किसान के जीवन को आसान बनाने के लिये कार्य किया गया। सरकार किसान के दरवाजे, खेत तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि किसान को पक्का मकान, शौचालय, निःशुल्क बिजली कनेक्शन, निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार का लाभ प्राप्त हो रहा है। 60 वर्ष की आयु के बाद 03 हजार रुपये मासिक आय का कवच भी किसान के पास है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के अन्तर्गत किसान को उसके मकान, खेत आदि के स्वामित्व के अभिलेख भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इससे पूर्व, जनपद लखनऊ के विकासखण्ड मोहनलालगंज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 05 किसानों शोभनाथ, राधे श्याम द्विवेदी, श्रीमती मनोज कुमारी के पुत्र अशोक कुमार, सुरेन्द्र कुमार और राजेन्द्र सिंह के पुत्र कर्मवीर सिंह को ट्रैक्टर की प्रतीकात्मक चाभी प्रदान की। उन्होंने 03 किसानों राम नरेश, मीना कुमारी तथा कविता पाठक को राइस पोर्टेबल मिलर मशीन तथा श्री अमरेश कुमार को स्माल आॅयल एक्सट्रैक्शन मशीन प्रदान किये जाने के प्रमाण पत्र सौपे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती सुशासन दिवस को किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाना सर्वाधिक उपयुक्त है, क्योंकि आजादी के बाद किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने का प्रयास सबसे पहले श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा वर्ष 1998 में प्रारम्भ किया गया। श्रद्धेय अटल जी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य प्रारम्भ किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से किसानों को अपनी उपज मण्डी तक ले जाने के लिये मार्ग सुलभ हुआ। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हाईवे, हर गरीब के हाथ में मोबाइल फोन भी श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की देन है। श्रद्धेय वाजपेयी जी द्वारा देश की अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का जो कार्य शुरू किया गया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उसे आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसान, मजदूर, महिला, नौजवान आदि सभी के प्रति आत्मीयता के भाव से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सर्वांगीण विकास, किसानों की खुशहाली, नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य और मातृ शक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए जो कार्यक्रम 06 वर्ष पहले प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रारम्भ किया गया था, आज का कार्यक्रम उसी श्रृंखला की कड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा देश के 09 करोड़ किसानों के खाते में अंतरित की जा रही 18 हजार करोड़ रुपए की धनराशि से प्रदेश के 2.13 करोड़ किसान लगभग 4,300 करोड़ रुपए की धनराशि से लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों को बीज, खाद, बिजली, सिंचाई सुविधाएं सुलभ करायी हैं। वर्तमान सरकार द्वारा किसानों की उपज की बड़ी मात्रा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करते हुए कृषि लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया। केन्द्र सरकार द्वारा 34 जिन्स का समर्थन मूल्य घोषित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों के हित और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए प्रभावी कदम उठाए। सबसे पहले 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपए के ऋण माफी का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दशकों से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूर्ण करने का कार्य किया। वर्ष 1977 से लम्बित बाण सागर परियोजना 01 वर्ष में पूर्ण कर प्रधानमंत्री जी द्वारा राष्ट्र को समर्पित करायी गयी। अर्जुन सहायक, सरयू नहर, मध्य गंगा नहर जैसी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। मार्च, 2021 तक 20 लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में हमारी सरकार के सत्ता में आने पर 06 साल से भी अधिक गन्ना मूल्य का बकाया था। पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी मिलों को बेचने का कार्य किया। वर्तमान राज्य सरकार ने रमाला चीनी मिल, बागपत के नवीनीकरण का कार्य किया। अब यहां प्रतिदिन 50 हजार कुन्तल गन्ने की पेराई होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यकाल में 01 लाख 12 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा परीक्षण आदि योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन से किसानों के जीवन में खुशहाली आयी है।
कार्यक्रम को सांसद कौशल किशोर एवं अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना नवनीत सहगल, मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी लखनऊ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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