महिलाओं के विधिक जागरूकता के सम्बन्ध में कार्यक्रम का आयोजन
आजमगढ़ 11 नवम्बर-- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आजमगढ़ द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आज नेहरू हाल के सभागार में महिलाओं के विधिक जागरूकता के सम्बन्ध में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मा0 जनपद न्यायाधीश दिनेश चंद, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय लालता प्रसाद द्वितीय, मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 आजाद भगत सिंह ने मॉ सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीपार्चन कर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दीवानी न्यायालय आजमगढ़, दिनेश चन्द द्वारा की गई। मा0 जनपद न्यायाधीश, दिनेश चन्द ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि क्षमा, धैर्य, सहृदयता के साथ सामाजिक समरसता बनाये रखने हेतु महिलाओं को जागरूक होना जरूरी है। महिलायें अपने सम्मान व अधिकारों के प्रति जागरूक एवं सचेत रहें, न केवल वे इस समाज के पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें, बल्कि देश, समाज व परिवार में भी अपना योगदान करें।
मा0 न्यायाधीश ने कहा कि समाज को अब महिलाओं के प्रति सोच को बदलनी चाहिए। उन्होने कहा कि समाज को नई दिशा देने और दशा को सुधारने की जरूरत है। उन्होने कहा कि महिला उत्पीड़न के प्रति अपनी सोच को बदलनी चाहिए। उन्होने कहा कि महिलाएं मॉ, सास, देवरानी एवं जेठानी के रूप में महिलाओं पर अत्याचार करती हैं। उन्होने कहा कि महिलाओं को अत्याचार एवं अन्याय के विरूद्ध सशक्त आवाजी उठानी चाहिए।
मा0 जनपद न्यायाधीश ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता के लिए जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तहसील स्तर पर तालुकि विधिक प्राधिकरण स्थापित है। उन्होने कहा कि महिलाएं यहॉ पर फ्री में सलाह एवं कार्यवाही के लिए परामर्श ले सकती हैं। उन्होने कहा कि महिलाओं को सरकार की तरफ से भी सरकारी अधिवक्ता की व्यवस्था है। उन्होने कहा कि सभी महिला/पुरूष को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाये। मा0 न्यायाधीश ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं को ही आगे आकर सहयोग/मदद करनी चाहिए।
मा0 प्रधान न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, आजमगढ़, लालता प्रसाद ने कहा कि विवाह के बाद उत्पन्न समस्याओं के लिए न्याय पालिका समुचित सहयोग के लिए कृत संकल्पित है। जाति, लिंग एवं क्षेत्र के आधार पर कोई भेद-भाव नही किया जायेगा। भारतीय संविधान के तहत यदि महिला सशक्त हैं, तो कहीं से भी कमजोर नही हैं। बच्चों को बचाने के लिए महिलाएं अपना सब कुछ समर्पित कर देती हैं। महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की उत्पीड़न होने पर हेल्पलाइन नम्बर पर सम्पर्क करें।
मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला ने कहा कि महिलाओं को एक सामूहिक शक्ति के रूप में अपने आप को देखना होगा, खूब सशक्त होना होगा और अपने समूह की शक्ति को समझना होगा। उन्होने कहा कि महिलाओं को आत्मविश्वासी बनना होगा, समाज आपके बारे में क्या सोचता है, इससे बाहर निकलकर आप क्या चाहती हैं, उस पर कार्य करें, जिससे आपके बारे में समाज की सोच बदले।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सुश्री अनीता ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है, महिलाएं किसी से कमजोर नही हैं, महिलाओं सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। नारी ही मातृ शक्ति है, नारी को मॉ दुर्गा, मॉ लक्ष्मी, मॉ सरस्वती के रूप में देखा जाता है। उन्होने कहा कि महिलाएं ज्यादा से ज्यादा संख्या में शिक्षित हों तथा सभी माता-पिता व अभिभावक अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा दें, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें। उन्होने कहा कि महिलाओं को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। यदि महिलाओं को किसी भी प्रकार की कोई कानूनी समस्या है तो वह लिखित रूप से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में प्रार्थना पत्र दे सकती हैं, और उनको समुचित न्याय दिलाने का प्रयास किया जायेगा।
मा0राज्य महिला आयोग की सदस्या श्रीमती संगीता तिवारी ने महिलाओं से संबंधित केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाआें के बारे में विस्तार से बताया एवं पुलिस के अधिकारियों से कहा कि घरेलु हिंसा से पीड़ित महिलाएं जब भी थाने पर जायें, उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करें। उन्होने महिलाओं से कहा कि जहॉ भी घरेलु हिंसा हो, उसका कड़ा विरोध करें।
महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय ने बताया कि लड़कों एवं लड़कियों में भेदभाव न करें, आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, बालिकाओं को पढ़ायें, जिससे वे आगे चलकर अपने परिवार का नाम रोशन करें। सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है, उसका लाभ उठायें। इसी के साथ ही महिलाओं को विभिन्न हेल्पलाइन नम्बर- डायल 1090 वुमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्प लाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, डायल 112 पुलिस आपातकालीन सेवा, 1098 चाइल्ड लाइन, 102 स्वास्थ्य सेवा, 108 एम्बूलेंस सेवा के बारे में भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 आजाद भगत सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ0 वीके शर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी बीएल यादव, पराविधिक स्वयं सेवक सहित आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा बहुएं व शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
----जि0सू0का0 आजमगढ़-11-11-2021-----
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