सँसार मेँ भरत जैसा भाई हो तो जीवन में भय नही होगा-डा. मिश्र
◆धर्म को पाखँडी व आलसी ढोंगी साधुओं से खतरा- डा.मदनमोहन मिश्रा
कादीपुर सुल्तानपुर ।स्वामी विवेकानंद इण्टरमीडिएट कालेज हरीपुर मेँ रामकथा के दूसरे दिन जुटे श्रोतागण ।समय, शक्ति और संपत्ति का सदुपयोग ही योग है तथा इसका दुरुपयोग ही भोग है। वर्तमान में ढोंगी साधुओं ने धर्म को सर्वाधिक हानि पहुँचाई है।
उक्त बातें वाराणसी से पधारे मानस कोविद् डॉक्टर मदन मोहन मिश्र ने स्वामी विवेकानंद इंटरमीडिएट कॉलेज हरीपुर में आयोजित तीन दिवसीय श्रीराम कथा एवँ ज्ञान गँगा महोत्सव के दूसरे दिन व्यक्त किए। डा. मिश्रा ने कहा की पहले देश ऋषि प्रधान था, बाद में कृषि प्रधान हुआ किन्तु आज केवल कुर्सी प्रधान बन कर रह गया है। श्री मिश्र ने कहा कि आज राजनैतिक दलों का उद्देश्य सिर्फ सत्ता मेँ बने रहने का है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने बालि का वध तब तक नहीं किया जब तक सुग्रीव ने अपने भाई बालि को अपना दुश्मन नहीं बताया "बंधु न होई मोर यह काला" भाई अगर भाई का विरोध ना करें तो दैत्य और दानव क्या भगवान भी ऐसे मानव का बाल बांका नहीं कर सकता। प्रतापगढ़ से पधारे पंडित आशुतोष द्विवेदी ने कहा यदि नारी, नारी का शोषण ना करें तो पुरुष नारी का शोषण कभी नहीं कर सकता है। कथा के श्रवण से जीवन की सारी व्यथा समाप्त हो जाती है, जो अपने मान का हनन करे वही हनुमान है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी ने अपने किए गए सभी कार्यो का श्रेय राम को दिया, इसीलिए आज भी वह समाज में पूज्य है। पँ. अनिल पाँडे जी ने कहा कि अहंकार रहित भाव से सेवा करना ही हनुमान की सच्ची भक्ति है। श्री पाँडे ने भगवान के जन्म की कथा सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। जौनपुर से पधारे पँ. उमानन्द जी महाराज ने कहा कि समाज में मानस के सामान्य पात्रों से भी शिक्षा ग्रहण कर जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है। मंच का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता विजय उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर डा. रणजीत सिँह, डा. डी. पी. मिश्रा, प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश मिश्रा, डा. अरविंद सिँह, रामलाल गुप्ता, जितेंद्र पाल, अशोक तिवारी, प्रशाँत पाँडे, विवेकानंद उपाध्याय, सँजय सिँह, विजय जायसवाल, शिवकुमार, अन्तिम मिश्रा, सुनील सिँह, कमलेश मिश्रा, रितेश उपाध्याय, दीपेश सिँह, नीरज पाँडे, विनोद तिवारी, महेंद्र मिश्रा, राकेश कुमार, जगदम्बा उपाध्याय, विक्की वर्मा, विनोद कुमार तिवारी सहित क्षेत्र के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। व्यासपीठ व अतिथियों का आयोजक अमरीश मिश्रा ने आभार व्यक्त किया। रामकथा के पूर्व राम दरबार का पूजन रूप नारायण पाँडे ने कराया। रामकथा का समापन मँगलवार को होगा।
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