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लेखपाल बनते ही पत्नी ने पति को ठुकराया, लाचार पति ने अफसरों से लगाई गुहार


झांसी। पीसीएस ज्योति मौर्या के बहुचर्चित मामले की तरह का एक मामला झांसी में भी सामने आया है। बुधवार को लेखपालों के नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान एनआईसी पहुंचे युवक का कहना है कि लेखपाल बनने के बाद उसकी पत्नी ने उसे ठुकरा दिया। शादी की तस्वीरों के साथ वह यहां पहुंचा था। उसने अफसरों से भी गुहार लगाई, हालांकि इस मामले में उसकी मदद करने से अफसरों ने फिलहाल हाथ खड़े कर दिये। कोतवाली के नई बस्ती मोहल्ला निवासी नीरज विश्वकर्मा का आरोप है कि सरकारी नौकरी मिलते ही पत्नी ने उससे दूरियां बना ली। उसका कहना है तीन साल पहले उन दोनों ने परिवार से बगावत करके प्रेम विवाह किया था। वह कार पेंटिंग करने का काम करता है जबकि युवती पढ़ाई कर रही थी। उस समय दोनों के बीच प्रेम परवान चढ़ा। जब यह बात युवती के परिजनों को मालूम चली तब उन्होंने विरोध किया। तब तक दोनों साथ में जीने-मरने की कसमें खा चुके थे। दोनों ने घर से भागकर ओरछा के मंदिर में शादी रचा ली। युवक का कहना है कुछ समय तक दोनों साथ रहे। इसके बाद युवती अपने परिजनों के पास चली गई। वह युवती की पढ़ाई में पैसों से मदद करता रहा। दो साल पहले जब लेखपाल की वैकेंसी आई तब उसने पत्नी का फार्म भरवाया।


इसमें पत्नी का चयन हो गया। लेखपाल बनने के बाद पत्नी के व्यवहार में बदलाव आने लगा। उसके ससुराल के लोगों ने भी पत्नी को समझाया कि वह अब लेखपाल है, पेंटिंग करने वाले से दूर रहे। उनकी बातों में आकर पत्नी ने उससे दूरी बना ली। मोबाइल पर भी बात नहीं करती। कई बार जब उसने मिलने की कोशिश की तब उसके परिजनों ने उसे धमकाया। शादी के फोटो और वीडियो लेकर पुलिस से गुहार लगाई लेकिन, मदद नहीं मिली। बुधवार को एनआईसी में जब लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किये जा रहे थे, उसी दौरान नीरज भी वहां पहुंच गया। उसने डीएम से भी गुहार लगाई।


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