भजमन राम नाम सुखदाई।। हरिऔध कला केंद्र, आजमगढ़ में राम उत्सव की रही धूम, रामायण नृत्य नाटिका खूब लुभाती रही।।
आजमगढ़।संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ तथा जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद, आजमगढ़ एवं जिला प्रशासन, आजमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 28 मई 2024 को हरिऔध कला केंद्र, आजमगढ़ में प्रभु श्री राम को समर्पित कार्यक्रम "रामोत्सव" संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत सभी मुख्य कलाकारों तथा उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक श्री अतुल द्विवेदी, जिला पर्यटन सूचना अधिकारी/ सचिव जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद, आजमगढ़ डॉ रुपेश कुमार गुप्ता तथा कार्यक्रम संयोजक डी पी तिवारी, अग्रसेन महाविद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ० जूही शुक्ला के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।
सांस्कृतिक संध्या में प्रथम कार्यक्रम के रूप में स्थानीय कलाकार कमलेश सोनकर एवं दल द्वारा गणेश वंदना की गई। उसके बाद आजमगढ़ के लोक कलाकार अभिराज गौड़ एवं दल द्वारा गोड़उ नृत्य की सुंदर प्रस्तुति की गई जिसे देख दर्शक आनंदित हुए। महाकाल को समर्पित यह नृत्य शिव के डमरू की आकृति का बना हुड़का वाद्य बनाकर किया जाता है। उसके बाद भगवान विष्णु के दशावतार को प्रदर्शित करती उड़ीसा से आए बच्चों की टोली ने गोटीपुआ नृत्य से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। शिवचरण साहू व उनके दल द्वारा इस नृत्य में भगवान विष्णु के दशावतारों का नृत्य के द्वारा प्रदर्शित किया गया।
उसके बाद बाल रूपी लव कुश के द्वारा कही रामायण को कथक नृत्य नाटिका के रूप से में मुंबई, महाराष्ट्र से पधारी विदुषी रुचि शर्मा एवं दल द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसमें प्रभु श्री राम के जन्म से लेकर रावण वध तक के प्रसंग को मनमोहन रूप से प्रस्तुत किया गया था।
बच्चों द्वारा एक और प्रस्तुति मेरे अंजनी की लाल प्रस्तुत किया गया । कार्यक्रम के अंत में वाराणसी से पधारे लोक गायक श्री राजन तिवारी द्वारा राम भजन पर गए गीतों को रितु ने सभी को मंत्र भाव विभोर कर दिया।
उनके द्वारा गाये गीत राम कहने से तर जाएगा, तेरा जीवन सुधर जाएगा ने सभी को राममय कर दिया। अग्रसेन महाविद्यालय, आजमगढ़ तथा कुशुम देवी महाविद्यालय, आजमगढ़ की छात्राओं द्वारा कार्यक्रम की साज सज्जा की गई। अग्रसेन महाविद्यालय के अध्यक्ष श्री अशोक अग्रवाल तथा उप प्रबंधक चंदन अग्रवाल की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के समापन पर उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक श्री अतुल द्विवेदी ने सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह, पुष्प गुच्छ व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया तथा आए हुए सभी दर्शकों, कलाकारों को धन्यवाद किया। डॉ० अंशु अस्थाना ने मंच संचालन किया तथा कार्यक्रम का संयोजन डॉ० डीपी तिवारी ने किया।
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