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गरीब को कंधा नहीं मिला तो इंस्पेक्टर और दारोगा ने उठा ली अर्थी, पुलिस ने कराया दाह संस्कार

लखनऊ। यूपी की लखनऊ पुलिस का मंगलवार को मानवीय चेहरा चेहरा देखने को मिला। दरअसल हजरतगंज स्थित नेशनल कॉलेज के सामने फुटपाथ पर पत्नी और दो बच्चों के साथ जिंदगी गुजार रहे चाय विक्रेता की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। शव की अंतिम क्रिया कैसे होगी।

 यह सोच कर चाय विक्रेता की बीवी परेशान हो रही थी जब उसे रास्ता नहीं समझा आया तो उसने मदद के लिए इंस्पेक्टर हजरतगंज को फोन मिला कर पति की मौत के बारे में बताया। जिसके कुछ ही देर बाद इंस्पेक्टर टीम के साथ नेशनल कॉलेज के पास पहुंचे और शव को कंधा देते हुए अंतिम संस्कार के लिए बैकुंठधाम ले गए। गोंडा जिले के खमरौनी के रहने वाले 48 साल के बबलू तिवारी, बीवी सपना, 8 साल की बेटी आंचल और 9 साल के बेटे विश्वजीत के साथ राणा प्रताप मार्ग नेशनल कॉलेज के पास चाय की दुकान चलाते थे। 

मंगलवार तड़के बबलू की हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई। पति को मरा देख बीवी जोर जोर से रोने लगी। वहीं, मां की रोने की आवाज सुनकर आंचल और विश्वजीत की नींद खुल गई। वह भी पिता का शव देख बच्चे भी रो पड़े। शहर में ऐसा कोई नहीं था, जिससे वह मदद मांग सके। कुछ समझा नहीं आ रहा था। इन हालात में शव की अंतिम क्रिया कैसे होगी, अर्थी को कांधा कौन देगा। यह बात सपना को परेशान कर रही थी। इस पर उसने सिपाही अभि सिंह को पूरी बात बताई। जिसके बाद परिवार पर आई विपत्ति का पता इंस्पेक्टर विक्रम सिंह को चला। वह तत्काल ही मौके पर पहुंच गए और सपना के साथ बच्चों को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि चिंता मत करो हम लोग हैं। बबलू की अंतिम क्रिया हिंदू पद्धति के अनुसार पूरी होगी।

 सामाजिक दायित्व का निर्वाहन करने के लिए इंस्पेक्टर विक्रम सिंह को आगे बढ़ते देख दरोगा और सिपाही भी उनके साथ हो लिए। बबलू तिवारी के अंतिम संस्कार के लिए सामान जुटाया गया। जिसके बाद इंस्पेक्टर दरोगा अभिषेक तिवारी, सुलतानगंज चौकी इंचार्ज आलोक, सिपाही राजकुमार और अभि सिंह के साथ शव को बैकुंठधाम ले गए। जहां पद्धतिनुसार अंतिम क्रिया पूरी कराई।


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