अंबेडकरनगर मरहूमा जन्नतुन निशा व मरहूम मुसइयब हुसैन के इसाले सवाब की मजलिस-ए-अजा का आयोजन
अंबेडकरनगर : नगर के लोरपुर ताजन के मोहल्ला हुसैनाबाद में मरहूमा जन्नतुन निशा व मरहूम मुसइयब हुसैन के इसाले सवाब की मजलिस-ए-अजा का आयोजन दिन शनिवार को
नइय्यर हुसैन खॉन की तरफ से इमामबारगाह अबूतालिब में किया गया मजलिस का संचालन शजर रिजवी ने किया अहलेबैत की शान में पेशखानी निज़ाम अब्बास सैफ अली व असगर अब्बास ने किया वही सोज़ख्वानी नइय्यर हुसैन खॉ व हमनवा ने किया इस अवसर पर मजलिस को खिताब करते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना इन्तज़ार मेहंदी फैज़ी ने कहा कि अल्लाह की इबादत ही इंसान के हर मसले का हल है। उन्होंने कहा कि अल्लाह की इबादत में सिर्फ नमाज, रोजा और हज ही शामिल नहीं है। बल्कि समाज की भलाई करना भी शामिल है यही हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी का मकसद था। अगर हमने इस मकसद को भुला दिया तो कोई इबादत कुबूल नहीं होगी और ना ही मजलिस-व-मातम कुबूल होगा कर्बला की जंग में अल्लाह की राह और इंसानियत की हिफाजत के लिए भूखे-प्यासे कुर्बानी देने वाले 72 शहीदों में हजरत इमाम हुसैन की बहन जैनब के 12 व 13 साल के दोनों बेटे भी शामिल थे। उन्हें यजीद की फौज ने धोखे से शहीद कर दिया। अंत में उन्होंने कर्बला की दर्दनाक घटनाओं का वर्णन किया और अज़ादार अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक सके मजलिस में बड़ी संख्या में अन्य मौजूद रहे!
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