पूराराम जी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशी ने अपनाया हथकंडा जमकर विरोध, एसडीएम ने कार्रवाई का दिया आदेश
फूलपुर आजमगढ़। जिले में जैसे-जैसे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक आ रहा है, भावी प्रत्याशियों द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे है। कहीं विरोधी मतदाताओ को मृतक दिखाकर उनका नाम काट दिया जा रहा है तो कहीं हत्यायें भी हो जा रही है हालांकि चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट से नाम कटना कोई नई बात नहीं है, जब-जब चुनाव आता है तब तब ऐसा देखने को मिलता है, ऐसे में दो प्रत्याशियों के बीच मतदाता को परेशान होना पड़ता है। विडंबना है कि कटे नामों को जुडवाने के लिए मतदाताओं को प्र्रशासन के समक्ष प्रदर्शन और अपने जीवित होने का प्रमाण देना पड़ रहा है। वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना या काटना बगैर बीएलओ के संभव नहीं है ऐसे में जिस गांव से इस तरह के मामले सामने आ रहे है वहां के बीएलओ की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जिला प्रशासन अगर इन छोटी-छोटी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तो योगी राज में निष्पक्ष चुनाव कराने की मंशा पर धब्बा लग सकता है। फूलपुर तहसील के पवई ब्लाक के पूरा रामजी गांव में कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहां पर 409 मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से इसलिए काट दिया गया कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। इतना ही नहीं वोटर लिस्ट में 274 ऐसे मतदाताओं का नाम जोड़ा गया है जो गांव के निवासी ही नहीं है। वोटर लिस्ट से कटा नाम देख ग्रामीण भड़क गये। उन्होंने मामले की शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी से किया। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम फूलपुर को मामले की जांच करने का आदेश दिया। तहसील प्रशासन पूरा रामजी गांव के सरकारी स्कूल में जांच करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने अपने हक के लिए आवाज उठायी और मैं जीवित हूं की तख्तियां लेकर नारेबाजी किया।
ग्रामीणों ने कहाकि मतदाता सूची से जिन 409 मतदाताओं का नाम कटा है, उनकी न मृत्यु हुई और न ही वे कहीं दूसरी जगह रहते है। इसके अलावा जिन 274 लोगों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया गया है वे गांव के निवासी हैं ही नहीं। ग्रामीणों ने गांव के निवर्तमान ग्राम प्रधान पर सूची से नाम कटवाने का आरोप लगाते हुए उसके विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग किया।
ग्रामीणों के तल्ख तेवर को देखते हुए एसडीएम फूलपुर ने तहसीलदार फूलपुर को घर घर जाकर सत्यापन करने का आदेश दिया। बुधवार को स्वयं एक घंटे से ज्यादा समय देते हुए मौके पर पहुंचकर नामावलियों की जांच करते नजर आये वहीं दुर्भाग्य रहा है कि उच्चाधिकारियों के मौजूदगी होने के बावजूद संदिग्ध बीएलओ मौके पर मौजूद ही नही रहा। ऐसे में पत्रावलियों की जांच किस आधार पर हुई होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
उधर, ग्रामीणों का कहना है कि पूरारामजी गांव के बीएलओ रामबचन बिंद ने भी उपजिलाधिकारी फूलपुर को एक शिकायती पत्र देकर निवर्तमान ग्राम प्रधान पर धमकी देकर सूची से नाम कटवाने का आरोप लगाया है। वहीं एसडीएम ने किसी भी शिकायती पत्र से इंकार कर दिया। बहरहाल, जो भी हो जब तक 409 मतदाताओं का नाम न जुड़ जाये तब तक न्याय की बात करना जल्दीबाजी होगी।GGS NEWS 24 के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर वीडियो न्यूज़़ उपलब्धध है।
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