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घागरा का बरपा क़हर

आजमगढ़ सगड़ी तहसील क्षेत्र के उत्तरी हिस्से में बहने वाली घाघरा नदी इस बार भी देवारा क्षेत्र में कहर बरपाने को उतावली दिख रही है। नदी के पानी से चक्की गांव घिर गया है, तो बांका गांव का रास्ता पूरी तरह से डूब चुका है। बगहवा, झगरहवा की आबादी के करीब कटान देख तटवर्ती लोगों की जान निकल रही है। डिघिया नाले पर घाघरा ने खतरा का निशान पार कर दिया है, तो बदरहुआ नाले के पास खतरा निशान छूने को बेताब है। बाढ़ के कारण ठोकर का निर्माण भी अधर में लटक गया है और उसी के साथ खुल गई है प्रशासन की सक्रिता की पोल। छोटे से लेकर बड़े अधिकारी ठोकर निर्माण का निरीक्षण कर आदेश देते रहे और आज सारा आदेश घाघरा की बाढ़ में बहता दिख रहा है। बांका गांव में रास्ते पर पानी आने से आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बगहवा, झगरहवा गांव की आबादी के करीब घाघरा नदी कटान कर रही है। ग्राम प्रधान राम सिगार की मंडई व पक्के मकान तक घाघरा की मुख्य धारा पहुंच चुकी है। मंद गति ही सही, लेकिन कटान देख गांव के 16 परिवार गृहस्थी का सामान समेटने लगे हैं। गांगेपुर रिग बांध के करीब किसानों की कृषि योग्य भूमि घाघरा नदी अपनी मुख्यधारा में विलीन कर रही। गांगेपुर में आबादी के करीब मुख्यधारा बहने से लगभग दो सौ परिवार मुख्य बांध महुला-गड़वल के दूसरी ओर बसे हुए हैं।पिछले वर्ष रिग बांध कटने के बाद प्रशासन की मांग पर सरकार ने गांगेपुर में घाघरा की मुख्यधारा को मोड़ने के लिए तीन ठोकर निर्माण की स्वीकृति दी थी। लगभग 17 करोड़ रुपये प्रस्तावित बजट से निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन जलस्तर में वृद्धि से ठोकर निर्माण कार्य रुक गया है।


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