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यूपी बोर्ड में पहली बार हाईस्कूल में कोई नहीं होगा फेल, शासन की मुहर लगते ही होगा एलान , 100 वर्ष के इतिहास में पहली बार

लखनऊ : यूपी बोर्ड के 100 वर्ष के इतिहास में पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा निरस्त करने की तैयारी है। वहीं, परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी छात्र-छात्रओं को कक्षा 11 में प्रोन्नति मिल सकती है। बोर्ड प्रशासन की वेबसाइट पर नौवीं कक्षा के विषयवार अंक अपलोड होना शुरू हो गए हैं। गुरुवार देर शाम तक करीब डेढ़ लाख परीक्षार्थियों के अंक अपलोड किए जाने की सूचना है। इस पर अभी शासन की मुहर लगना बाकी है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) कोरोना संक्रमण की वजह से हाईस्कूल की परीक्षा न कराने की दिशा में प्रयासरत है। सीबीएसई सहित देशभर के कई शिक्षा बोर्ड इस ओर पहले ही कदम बढ़ा चुके हैं। यूपी बोर्ड में देरी की वजह परीक्षा प्रणाली दुरुस्त न होना है। असल में कई दिन तक उस फॉर्मूले की तलाश हुई, जिसमें परीक्षार्थियों को दिए जाने वाले विषयवार अंक निर्विवाद हों।

सभी को अंक देना इसलिए जरूरी है कि आगे मेरिट से चयन में छात्र-छात्रओं को परेशानी न हो। हर किसी की जन्म तारीख का हाईस्कूल का प्रमाणपत्र अहम रिकॉर्ड भी है। बोर्ड की ओर से नौवीं वार्षिक परीक्षा के विषयवार अंक मांगे जाने पर कई कालेजों ने 13 अप्रैल, 2020 के शासनादेश का हवाला दिया था। उनका कहना था कि पिछले साल सभी प्रमोट हुए थे, लेकिन वे यह नहीं बता सके कि परीक्षा क्यों नहीं कराई।



■ परीक्षा के लिए पंजीकृत सभी 29.94 लाख को मिलेगी प्रोन्नति


■ अभी तक 87.66 फीसद तक रहा है अधिकतम सफलता प्रतिशत



● 10 वर्ष के परिणाम पर नजर  (नोट- परिणाम फीसद में।)


वर्ष              हाईस्कूल


2010          70.79


2011          70.82


2012            83.75


2013           86.63


2014            86.71


2015            83.74


2016            87.66


2017            81.18


2018            75.16


2019            80.07


2020            83.31



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