मित्तूपुर में बंद पड़े दो निजी आवास पर छापेमारी कर अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़
आजमगढ़ पवई व दीदारगंज थाना क्षेत्र में जहरीली शराब से दर्जनों लोगों की हुई मौत के बाद एसपी सुधीर सिंह के निर्देश पर पुलिस अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। शनिवार को एसपी के नेतृत्व में पुलिस ने मित्तूपुर में बंद पड़े दो निजी आवास पर छापेमारी कर अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से पांच ड्रम लहन, भारी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण व कई गैस सिलेंडर बरामद किया।
बता दें कि जहरीली शराबकांड में एसपी ने पवई थानाध्यक्ष अयोध्या तिवारी, मित्तूपुर पुलिस चौकी प्रभारी अरुण सिंह व दीवान राजकिशोर यादव व सिपाही अविनाश प्रसाद को निलंबित कर दिया। इस मामले में निलंबित सिपाही अविनाश समेत चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया । इसके अलावा आबकारी विभाग का सिपाही भी निलंबित हुआ है। शनिवार को एसपी के नेतृत्व में मित्तूपुर में पुलिस टीम ने राजेश अग्रहरी के मकान और हाते में छापेमारी कर शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
अधिकारी तब दंग रह गए जब अवैध शराब बनाने के लिए रखा गया एक दर्जन से ज्यादा सिलेंडर और करीब 2 लाख शीशियां सैकड़ों ड्रम बरामद किए गए। वही मौके से 5 ड्रम लहन भी बरामद हुआ। इससे साफ होता है कि आजमगढ़ अम्बेडकर नगर बॉर्डर पर जहरीली शराब कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। क्योंकि इसके पूर्व भी मित्तूपुर निवासी मोती साव को गिरफ्तार किया गया था। जिसके घर पर बनी शराब से दर्जनों लोगों की मौत हुई अब एक और व्यक्ति के यहां से बरामदगी हुई है।
आजमगढ़ के एसपी ने दावा किया था कि जहरीली शराब को अन्य स्थानों पर बनाकर सरकारी ठेके पर लेबल लगाकर कम दाम पर बेचा जाता है। एसपी के नेतृत्व में दोनों बंद घरों पर भारी संख्या में पुलिस ने फोर्स छापेमारी कर यह बरामदगी की। बरामद माल से पचास हजार शीशी शराब तैयार की जा सकती थी। पुलिस ने इस बरामदगी के बाद बढ़ी सफलता का दावा किया है लेकिन यह भी प्रश्न है कि काश महकमा पहले जागा होता और कार्रवाई की होती तो जहरीली शराब से इतनी मौतें नहीं हुई होती।
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