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मुख्य सचिव ने सचिवालय सेवा से सेवानिवृत्त हुए 11 कार्मिकों को किया सम्मानित


लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने राजस्व परिषद के अध्यक्ष  हेमंत राव, अपर मुख्य सचिव राजस्व  सुधीर गर्ग तथा विशेष सचिव सचिवालय प्रशासन  राम नारायण सिंह यादव के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने उ0प्र0 सचिवालय सेवा से सेवानिवृत्त हुए 11 कार्मिकों को उनके सेवानैवृत्तिक लाभों से सम्बन्धित आदेशों का वितरण और स्मृति चिन्ह भेंट किया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को जीवन की नई पारी के  लिए मंगलकामनायें देते हुए कहा कि पूर्व निर्धारित सेवानिवृत्ति जीवन की दूसरी यात्रा का शुभारंभ है। दुनिया में कोई भी चीज समाप्त न होकर एक चक्र में चलती रहती है। आप लोग प्रशासनिक सेवा में कई बंधनों से बंधे हुए थे, आज उन बंधनों से मुक्त होकर अनंत संभावनाओं के अंग बन गए हैं।

         उन्होंने श्रीमद्भगवद् गीता का जिक्र करते हुए कहा कि हम लोगों का एक धर्म है कर्म। इसी प्रकार शरीर का धर्म भी केवल कर्म है। अब स्वयं के लिए जीने का वक्त खत्म हो गया, दूसरों के लिए आप क्या कर सकते है, इसकी शुरुआत हो रही है। लोगों को शिक्षा सहित समाजसेवा के अन्य कार्यों में योगदान देकर अपने जीवन की सार्थकता को सिद्ध कर सकते हैं।

उन्होंने सनातन धर्म के चारों आश्रमों-ब्रहमचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृहस्थ आश्रम 50 वर्ष में व्यक्ति के जीवन का वह भाग है, जिसपर उसकी, उसके परिवार की, समाज की और राष्ट्र की उन्नति निर्भर करती है।

उन्होंने कहा कि  प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में देश में तेजी से परिवर्तन आया है। आज विकसित भारत के संकल्प के साथ देश आगे बढ़ रहा है। इसमें सभी के योगदान और सहयोग की जरुरत है, तभी हम आने वाली नई पीढ़ी को विकसित भारत में अपने रोल के बारे में बता सकते हैं।
       
  सचिवालय सेवा से सेवानिवृत्त कार्मिकों में 01 संयुक्त सचिव, 01 अनुभाग अधिकारी, 03 समीक्षा अधिकारी, 01 निजी सचिव तथा 05 अनुसेवक शामिल थे।

       इस अवसर पर प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन  के0रवीन्द्र नायक सहित अन्य अधिकारीगण, सेवानिवृत्त कार्मिकों के परिजन आदि उपस्थित थे।


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