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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला के अन्तर्गत सातवां प्रस्तुतीकरण संपन्न

लखनऊ। मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में सातवीं कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला आयोजित की गई। व्याख्यानमाला में नई दिल्ली स्थित गोविंद वल्लभ पंत हॉस्पिटल के स्ट्रेस मैनेजमेंट एण्ड कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर मोहित गुप्ता ने ‘तनाव मुक्त जीवन: संकल्प एवं साधना से सिद्धि’ विषय पर दिया प्रस्तुतीकरण दिया।
         अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यक्षमता वृद्धि व्याख्यानमाला में ख्याति प्राप्त महानुभावों से सचिवालय कर्मियों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है। हम सभी को तनावमुक्त जीवन जीना चाहिए। संकल्प और साधना के माध्यम से अपने कार्य को गति देना चाहिए। मुश्किल घड़ी से निकलकर खुशहाल जिदंगी जीना चाहिए। हम प्राचीन जीवन पद्धति को भूल गए थे। कोविड के बाद से आम नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव आया। आज विश्वभर में लोग योग अभ्यास से लाभान्वित हो रहे हैं। योग से हमारा जीवन में खुशहाल बन सकता है।
  उन्होंने कहा कि  प्रधानमंत्री  ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने का संकल्प लिया है, इसमें सभी का अहम रोल है। हम सभी को बिना तनाव लिये अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निष्पादन करना चाहिये। सकारात्मक रहें और योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनायें।
         इससे पूर्व, गोविंद वल्लभ पंत हॉस्पिटल के स्ट्रेस मैनेजमेंट एण्ड कार्डियोलॉजी विभाग के प्रो0 मोहित गुप्ता ने कहा कि तनावमुक्त जीवन व्यतीत करने के लिए नकारात्मक विचार अपने मन में न आने दें। नकारात्मतक विचार हमारे मन में नहीं रहते हैं, बल्कि जीवन के हर पहलू पर असर डालते हैं। हमारे संकल्पों में शक्ति होनी चाहिए।
         उन्होंने कहा कि हम सब यह जानते हैं कि तनाव लेने से सिर्फ हमारी मेंटल हेल्थ ही नहीं बल्कि फिजिकल हेल्थ भी प्रभावित होती है लेकिन फिर भी रोजाना हम किसी न किसी बात का तनाव लेते हैं। रूटीन को फॉलो करने से आपका जीवन बेहतर होगा। इससे आपको अपने शौक पूरे करने का भी समय मिलेगा, जिससे आप स्ट्रेस फ्री रहेंगे। अपनी रुटीन में सुबह जल्दी उठने को शामिल करें। यह न केवल आपके शरीर बल्कि दिमाग के लिए भी लाभदायक है।
  उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से एक्टिव रहना एक स्ट्रेस रिलीवर है। इससे न केवल आपमें आत्मविश्वास बढ़ेगा और मेंटल और फिजिकल हेल्थ भी सही रहेगी। इसलिए वॉक, जॉगिंग, गार्डनिंग, स्विमिंग या जो भी आपको पसंद हो, उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिये।
        उन्होंने कहा कि मेडिटेशन और योगा को स्ट्रेस से छुटकारा पाने का अच्छा तरीका है। मेडिटेशन और योगा से दिमाग से नेगेटिव और स्ट्रेसफुल विचार बाहर निकल जाते हैं, जिससे आप रिफ्रेश और पॉजिटिव महसूस करते हैं। इसके साथ ही सकारात्मक रहें, खुश रहें और अपने परिवार के साथ समय बिताएं, इससे भी आप स्ट्रेस फ्री महसूस करेंगे।
      इस दौरान एसजीपीजीआई के हृदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ0 आदित्य कपूर ने आकस्मिक कार्डिएक अरेस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी और सीपीआर देने का तरीका बताया। उन्होंने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष कार्डियक अरेस्ट से करीब 07 लाख मौतें होती हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि लोग इसके लक्षण और बचाव के तरीकों को नहीं जानते हैं। कार्डियक अरेस्ट होने के शुरुआती पांच मिनट सबसे क्रिटिकल होते हैं। इस दौरान कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है। पीड़ित व्यक्ति को सीपीआर किसी प्रकार दिया जाता है, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिये।
         इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि  देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन  जितेन्द्र कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त  दीपक कुमार, प्रमुख सचिव परिवहन  वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव पर्यटन  मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख स्टाफ ऑफिसर मुख्य सचिव  अमृता सोनी, प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती लीना जौहरी, प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन  के0रवीन्द्र नायक सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण, सचिवालय कर्मी व मीडिया प्रतिनिधिगण आदि उपस्थित थे।


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