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मुख्य सचिव ने वृक्षारोपण अभियान-2023 को सफल बनाने के लिये समस्त विभागों के साथ वृक्षारोपण की तैयारियों की समीक्षा की

लखनऊ: मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्र ने वृक्षारोपण अभियान-2023 को सफल बनाने के लिये समस्त विभागों के साथ वृक्षारोपण की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी विभागों से वृक्षारोपण की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की और अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के निर्देश दिये।
         अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि वृक्षारोपण अभियान-2023 के तहत मा0 मुख्यमंत्री  द्वारा 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दिनांक 22 जुलाई, 2023 को 30 करोड़ और दिनांक 15 अगस्त, 2023 को 5 करोड़ पौधों को रोपित किया जाना है। इस वर्ष सभी विभागों के लिये लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। सभी विभागों द्वारा लक्ष्य के अनुरूप माइक्रो प्लान तैयार कर लिया जाये। 22 जुलाई से पूर्व चिन्हित स्थानों में गड्ढ़ों की खुदाई तथा रोपित किये जाने वाले पौधे की प्रजाति व हितधारक के चयन की कार्यवाही प्रत्येक दशा में पूरा कर ली जाये। पौधों की निगरानी के लिये शत-प्रतिशत पौधों की जियो टैगिंग करायी जाये। पुनः उसी स्थान पर वृक्षारोपण न हो, इसके लिये टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया जाये। जीआईएस तकनीकी से वृक्षारोपण स्थलों का पॉलीगन निर्माण कराया जाये।
          उन्होंने कहा कि जनपदों के लिये नामित नोडल अधिकारी 20 जुलाई को अपने जनपदों में पहुंचकर वृक्षारोपण की तैयारियों की समीक्षा कर इस अभियान को सफल बनायें। समस्त नोडल अधिकारियों द्वारा जनपद भ्रमण के दौरान न्यूनतम 3 स्थलों पर वृक्षारोपण में प्रतिभाग किया जाये। वृक्षारोपण अभियान का आयोजन एक उत्सव के रूप में किया जाये। जलवायु परिवर्तन से बचने, पर्यावरण को बचाने और जीवित रहने के लिये अधिक से अधिक पौधरोपण आवश्यक है, इसलिये पर्यावरण संरक्षण को समर्पित इस आंदोलन को सभी सक्रिय सहभागिता कर सफल एवं सार्थक बनायें। निर्धारित लक्ष्य को कम मानते हुये प्रदेश में लक्ष्य से अधिक पौधों का रोपण होना चाहिये। पौध रोपण के साथ-साथ उनके सर्वाइवल पर भी ध्यान दिया जाये।
          उन्होंने कहा कि अभियान के दृष्टिगत आगामी 22 जुलाई प्रदेश के सभी कार्यालयों में आधे दिन का अवकाश रखने के निर्देश दिये गये हैं। इस दिन प्रदेश के समस्त कर्मियों द्वारा कम से कम एक पेड़ घर, घर के बाहर, पार्क, सड़क, कॉलोनी आदि में अवश्य लगाया जाये और पेड़ के साथ तस्वीर को हरीतिमा अमृत वन मोबाइल एप पर अपलोड किया जाये। इसके अलावा कर्मियों द्वारा स्वतः प्रेरणा से अपनी कॉलोनी, मोहल्ले में वृहद वृक्षारोपण महोत्सव का आयोजन कर लोगों को इस अभियान में शामिल होने के लिये प्रेरित करें।  
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक राजस्व ग्राम व नगरीय क्षेत्र में प्रत्येक वार्ड में कम से कम 1000 पेड़ लगाये जायें। ग्राम सभा की खुली बैठक में प्रस्ताव पारित किया जाये। ‘हर खेत में मेड़, हर मेड़ पर पेड़’ के तहत किसानों को मेड़ों पर पेड़ लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। नगर निकायों में इस सम्बन्ध में विशेष बैठक का आयोजन कराया जाये। हर घर नल योजना के तहत जिन लोगों को नल कनेक्शन दिये गये हैं, उनके द्वारा भी कम से कम एक पौधे का रोपण कराया जाये।
         उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण अभियान में निजी क्षेत्रों, एनजीओ, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं, एनएसएस, स्काउड गाइड, एनसीसी आदि को भी सम्मिलित किया जाये। दो लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में नन्दन वन की स्थापना की जाये। इसके अतिरिक्त अभियान के तहत ग्राम वन और आयुष वन की स्थापना करायी जाये। उद्योगों के सी०एस०आर० फण्ड (कार्पाेरेट सामाजिक दायित्व) व सी०ई०आर० (कारपोरेट इन्वायरनमेन्टल रिसपोन्सविलिटी) से भी वृक्षारोपण कार्य कराया जाये। शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के द्वारा पौधारोपण कराया जाये।
          उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत सामुदायिक व अन्य खाली पड़ी भूमि पर वृक्षारोपण कराया जाये। ग्राम सभा, नवीन, पुरानी परती भूमि बंजर भूमि, चारागाह, नदी किनारे की भूमि, ग्रामीण सडकों के किनारे, खेल के मैदान, अमृत सरोवर के चारो तरफ वृक्षारोपण कराया जाये। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा टिम्बर इंडस्ट्री पर लगायी गई रोक को हटा दिया गया है, इसलिये किसान अब पेड़ों को बेच भी सकते हैं। कृषि व अन्य निजी भूमि प कृषि वानिकी को प्राथमिकता दिया जाये। लोक निर्माण विभाग द्वारा बुन्देलखण्ड व पूर्वांचल सहित अन्य सड़क मार्गों के किनारे वृक्षारोपण कराया जाये। उन्होंने कहा कि जिला व तहसील न्यायालयों तथा ग्राम पंचायतों में भी वृक्षारोपण कराया जाये।
         बैठक में बताया गया कि अभियान के तहत कुल निर्धारित लक्ष्य 35.24 करोड़ पौधा रोपण के सापेक्ष वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन को 14 करोड़, ग्राम्य विकास को 12.59 करोड़, राजस्व को 1.06 करोड़, पंचायतीराज को 1.28 करोड़, कृषि को 2.50 करोड़, उद्यान को 1.55 करोड़ सहित अन्य समस्त विभागों के लिये भी लक्ष्य निश्चित किये गये हैं।
         बैठक में अपर मुख्य सचिव वन  मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि  देवेश चतुर्वेदी सहित सम्बन्धित समस्त विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।


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