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आजमगढ़ से भी जुड़ा है शूटर विजय यादव का नाम पिता और भाई ने बताई उसकी कई बातें

जौनपुर। जौनपुर जिले के केराकत कस्बे में सरगी चौकी पड़ती है। सुल्तानपुर गांव इसी के अंतर्गत आता है। बुधवार शाम के बाद से यहां की स्थिति सामान्य नहीं है। जब से यहां लोगों को पता चला है कि उनके गांव के विजय यादव ने हत्याकांड कर दिया है। उसने भरे कोर्ट कैंपस में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कुख्यात की हत्या कर दी। इसके बाद गांव से गाड़ी की आवाज मात्र से ग्रामीण सहम जा रहे हैं।
ग्रामीणों से विजय यादव के घर जाने का रास्ता पूछने वालों की संख्या बढ़ चुकी है। पुलिस के बाद मीडियाकर्मियों का आना-जाना लगातार जारी है। गांव में मोबाइल फोन पर इस हत्याकांड से जुड़ी खबरों को सर्च किया जा रहा है। गांव की बहू-बेटियां खिड़कियों, आधे खुले दरवाजों और छतों से झांकते हुए दिखाई दे रही हैं।
विजय के पिता श्याम यादव ने बताया कि विजय यादव मेरा ही बेटा है। वह नौकरी करने के लिए घर से निकला था। उसने ऐसा कुछ कर दिया है। हमें विश्वास नहीं हो रहा।'' पिता श्याम यादव ने बताया कि वो मिठाई की दुकान चलाते हैं। उनके चार बेटे हैं। विजय यादव दूसरे नंबर का है। उससे बड़ा स्वतंत्र यादव दिल्ली की एक कंपनी में काम करता है। उसकी शादी हो चुकी है। विजय बीकॉम पास है। उसके बाद तीसरा बेटा सत्यम है, जो 11वीं में पढ़ाई कर रहा है। सबसे छोटा बेटा सुंदरम अभी 9वीं क्लास में है।
श्याम ने कहा, ''विजय मुंबई में नौकरी करता था। बहुत सीधा-सादा है। उसने आज तक किसी से लड़ाई नहीं की। वो जब भी गांव आता था। अपने काम से काम रखता था। आज तक इधर-उधर नहीं बैठता था। गांव में किसी से कोई विवाद नहीं है। ये घटना कैसे हुई, उसने ऐसा क्यों किया। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा। उसने कभी भी कुछ ऐसी घटना नहीं की।''
छोटे भाई सुंदरम ने बताया कि 10 जुलाई को आजमगढ़ की एक लड़की अपने घर से भाग गई थी। 16 जुलाई, 2016 हमारे बड़े भाई की शादी थी। शादी के बाद 25 जुलाई को किसी ने घर में बताया कि मिठाई की दुकान का शटर गिरा हुआ है और वहां कोई नहीं है। तब विजय ही दुकान पर बैठता था। जब हम दुकान पहुंचे, तो आनंद का कोई अता-पता नहीं था।
आनंद के घर वालों ने बताया कि आजमगढ़ पुलिस घर पहुंची थी। पुलिस ने बताया था कि विजय ने नाबालिग लड़की को भगाया है। 6 महीने बाद आजमगढ़ पुलिस ने विजय को मुंबई से गिरफ्तार किया था। उसे आजमगढ़ जेल ले जाया गया था। घर वालों ने बताया कि 6 महीने बाद हमने आनंद की जमानत करा ली थी। तब पुलिस ने लड़की को किसी दूसरे लड़के के साथ बरामद कर लिया था। इसके बाद आनंद मुंबई में काम करने चला गया। वह तारीख पड़ने पर यहां आता था। कोरोना काल में आनंद घर पर ही रहा। इसके बाद फरवरी 2023 तक उसने मुंबई में ही काम किया।


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