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खिरिया बाग! महिला आयोग के निर्देश पर सीओसीटी के यहां दर्ज हुआ बयान, पुलिसकर्मियों द्वारा दलित महिलाओं का उत्पीड़न और फर्जी मुकदमें के आरोप का मामला

आजमगढ़। खिरिया बाग किसान, मजदूर आंदोलन की दलित महिलाओं के साथ उत्पीड़न और फर्जी मुकदमें को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के निर्देश पर सीओसीटी नगर आजमगढ़ कार्यालय में बयान दर्ज हुआ. खिरिया बाग आंदोलन और पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि सर्वे के नाम पर 12, 13 अक्तूबर 2022 के दिन और रात में जमुआ हरिराम की दलित बस्ती की महिलाओं के ऊपर हुए उत्पीड़न, किसान नेता राजीव यादव और अधिवक्ता विनोद यादव के अपहरणकर्ताओं के खिलाफ मुकदमें की मांग कर रहे खिरिया बाग के किसानों, मजदूरों पर दर्ज फर्जी एफआईआर, पुलिसकर्मियों द्वारा महिला विरोधी टिप्पणी और अभद्रता जैसे आरोपों को लेकर आई जांच के संबंध में बयान दर्ज हुआ. खिरिया बाग आंदोलन की नीलम का बयान दर्ज हुआ और हमारी मांग है कि आयोग टीम बनाकर जमुआ हरिराम गांव की उन सभी दलित महिलाओं का बयान दर्ज करे जिनका उत्पीड़न हुआ. उन्होंने कहा कि खिरिया बाग में पिछले 8 महीने और अंडिका बाग में दो महीने से ज्यादा समय से महिलाएं अपनी जमीन, मकान बचाने के लिए इस तपती धूप में धरने पर बैठने को विवश हैं. यह मानवाधिकार का गंभीर मसला है जिसकी तरफ जिला प्रशासन ध्यान न देकर फर्जी एफआईआर कर आंदोलन को दबाना चाहता है. जिला प्रशासन से लगातार जमुआ हरिराम में दलित महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न के दोषी राजस्वकर्मी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करना साफ किया कि यह सब उसी की शह पर हो रहा था. जिस सवाल को जिले के प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया उसको राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया. खिरिया बाग से नीलम, वीरेंद्र यादव, किस्मती, सावित्री, मीना, अधिवक्ता विनोद यादव, अवधेश यादव, महेंद्र राय, राम प्रवेश, रविद्र यादव, नंदलाल यादव, अजय यादव, बलराम यादव, सीता राम यादव, रामचंद्र, आत्मा, जितेंद्र, हरिबंश मौजूद थे.


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