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श्री राम विवाह महोत्सव एवं राम कथा के चौथे दिन अयोध्या से पधारी शैलप्रिया पाण्डेय जी ने अपने मुखारविंद से भगवान राम के जन्म की कथा में सुनाया

अतरौलिया आज़मगढ़।क्षेत्र के आश्रम ऊं बाबा प्रथमदेव सिद्ध पीठ धाम पर चल रहे पंच दिवसीय श्री राम विवाह महोत्सव एवं राम कथा के चौथे दिन अयोध्या से पधारी शैलप्रिया पाण्डेय जी ने अपने मुखारविंद से भगवान राम के जन्म की कथा में सुनाया कि अयोध्या के महाराज दशरथ ने पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए यज्ञ रखा इस यज्ञ के लिए राजा दशरथ ने अपनी चतुर अंगड़ी सेना को काले कान वाले घोड़े को छोड़ने का आदेश दिया। उनकी इच्छा थी कि इस महान यज्ञ में हर कोई शामिल हो इसलिए राजा ने सभी ऋषि-मुनियों व विद्वान पंडितों को आमंत्रण भेजा। महाराजा दशरथ ने गुरु वशिष्ठ रिंग ऋषि व अन्य विद्वानों के साथ यज्ञ मंडप में प्रवेश किया। यज्ञ का शुभारंभ किया राजा दशरथ ने संपूर्ण पंडितों ब्राम्हण और इशू आदि को ध्यान देकर सादर प्रणाम किया। राजा दशरथ अग्निदेव ने प्रकट होकर प्रसाद के रूप में खेल से भरा हुआ कटोरा दिया और माहौल में पहुंचकर उन्होंने फिर से भरा हुआ कटोरा पहले रानी कौशल्या को दिया ।रानी कौशल्य गर्भधारण कर ली जिनसे प्रभु श्री राम का जन्म हुआ। उसमें से बची हुई अन्य की रानी सुमित्रा और कैकई को दिया। जिनसे राम लक्ष्मण राजिम से लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न हुए राम जी का जन्म चैत्र मास शुक्ल पक्ष को हुआ यह प्रसंग सुनकर रामकथा में बैठे स्रोत गण झुम उठे। यज्ञकर्ता महन्त श्री प्रेमदास जी ने बताया कि यह यज्ञ  क्षेत्र एवं जनता जनार्दन के कल्याण केलिए हो। राम कथा सुनने से जन्म जन्मांतर का कष्ट कट जाता है। और उन्होंने ने बताया कि। 28 नवम्बर को यज्ञ की पूर्णाहुति एवं लक्ष्मी नारायण मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, भण्डारा है। आप सभी क्षेत्रवासी अधिक से अधिक संख्या में पाधर कर प्रसाद ग्रहण कर पूण्य के भागी बने।इस मौके पर निखिलेश मिश्र (पकंज ), आचार्य पंकज जी, पण्डित सुदर्शन, अवधेश सिंह, वकील शुभम चित्रांश आदि लोग उपस्थित रहे।


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