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भारतीय मुद्रा परिषद् के 104वें वार्षिक सम्मेलन हुआ आयोजित

लखनऊः 19 नवम्बर, भारतीय मुद्रा परिषद् के 104वें वार्षिक सम्मेलन के तृतीय दिन का आज के शोध वाचन के प्रथम सत्र से प्रारंभ होता है। इसकी अध्यक्षता प्रो० प्रोजित कुमार पालित तथा संचालन द्वारा की गयी। इस सत्र का प्रथम शोध पत्र वंदना सिंह द्वारा पढ़ा गया, जिसका शीर्षक आंध्र प्रदेश से प्राप्त रोमन मुद्रायें एवं मुदा निधिया था। इसके पश्चात् डॉ० प्रीति सिंह, करिश्मा गुप्ता, राजेश, श्रीमती लाहा एवं सुप्रतिम राय द्वारा शोध पत्र पढ़ा पढ़ा गया। इसके अतिरिक्त डॉ० अमित कुमार उपाध्याय द्वारा । ैजनकल व िछपदम हवसक बवपदे व िज्ञंसबीनतप क्लदंेजल शीर्षक के अन्तर्गत गांगेयदेव आदि राजाओं द्वारा निर्गमित स्वर्ण सिक्कों के विषय में चर्चा की। इसके पश्चात डॉ० देवेंन्द्र बहादुर सिंह द्वारा ेपसअमत बवपदे व िठींइीनं ीवंतक पद इींतंजांसं इींूंद रजत सिक्कों के विषय में चर्चा की और इसी के साथ आज का प्रथम शोध पत्र वाचन सत्र सम्पन्न हुआ।
इस वर्ष के वार्षिक स सम्मेलन का समापन सत्र प्रारंभ हुआ। समापन समारोह के अन्तर्गत मंच पर प्रो० अमर सिंह, भूतपूर्व प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ उपस्थित थे, जो इस समारोह के मुख्य अतिथि थे। इसके अतिरिक्त प्रो० पी०एन० सिंह, महा सचिव, भारतीय मुद्रा परिषद्, डॉ० आनन्द कुमार सिंह, निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ,  अश्विनी कुमार सिंह, रजिस्ट्रार, डॉ० भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय एवं डॉ० अमित कुमार सिंह, भारतीय मुद्रा परिषद् भी मंचासीन रहे। राज्य संग्रहालय, लखनऊ के निदेशक, डॉ० आनन्द कुमार सिंह द्वारा राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा भारतीय मुद्रा परिषद् को स्मृति चिन्ह भेट किया। भारतीय मुद्रा परिषद् की ओर से निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ को कलकत्ता मिन्ट का चांदी का सिक्का भेंट स्वरूप प्रदान किया। इस अवसर पर प्रो० पी०एन० सिंह, महा सचिव, भारतीय मुद्रा परिषद् द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए राज्य संग्रहालय, लखनऊ को इस आयोजन हेतु भूरि-भूरि प्रशंसा की।
 विश्व धरोहर सप्ताह दिनांक 19 से 25 नवम्बर, 2022 के अन्तर्गत विभिन्न विद्यालयों यथा- प्राथमिक विद्यालय, शाह नजफ रोड़, प्राथमिक विद्यालय, नरही, प्राथमिक विद्यालय उदयगंज, प्राथमिक विद्यालय, बादशाह नगर एवं अन्य विद्यालयों के लगभग 1000 से अधिक बच्चों द्वारा संग्रहालय की वीथिकाओं का भ्रमण कराकर विभिन्न पक्षों की जानकारी दी गयी। भारतीय मुद्रा परिषद् के सम्मेलन में सम्मिलित विभिन्न विद्धानों, शिक्षकों, संग्रहालयविदों एवं विद्यार्थियों द्वारा भी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को जानने के उद्देश्य से राज्य संग्रहालय, लखनऊ की वीथिकाओं का भ्रमण कराया गया। इसी अवसर पर राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा लघुचित्रों पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रो० पी०एन० सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष, प्रा०भा0इति०सं० एवं पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया। प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों के विषय में विस्तार पूर्वक समझाते हुए डॉ० मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक-सज्जा कला, राज्य संग्रहालय, लखनऊ ने बताया कि यह प्रदर्शनी भारतीय कला संस्कृति एवं परम्परा को दर्शाते है। जो सर्वजन हिताय एव सर्वजन सुखाय के मूल तत्व को धारण किये है। निदेशक राज्य संग्रहालय, लखनऊ द्वारा प्रदर्शनी के विषय में बताया गया कि प्रदर्शित चित्र भारतीय धर्म एवं दर्शन को परिलक्षित करते है। इस अवसर पर डॉ० मीनाक्षी खेमका  अल शाज फातमी, डॉ० अनिता चौरसिया, श्रीमती गायत्री गुप्ता,  नीना मिश्रा, गौरव कुमार, शारदा प्रसाद त्रिपाठी, प्रमोद कुमार, संतोष कुमार, परवेज़,  सुरेश आदि उपस्थित थे।


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