ग्रामीण आजीविका मिशन से महिलाओं का हो रहा है, सशक्तीकरण - डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
लखनऊ: 03 नवम्बर, 2022 उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की दिशा में बहुत ही उल्लेखनीय और उत्कृष्ट कार्य हो रहे हैं। आजीविका मिशन में प्रेरणा बजट मैनेजमेंट सिस्टम से ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों में तेजी आएगी। योजनाओं की समीक्षा और अनुश्रवण में भी तेजी आएगी तथा भुगतान भी पूरी पारदर्शिता के साथ और तीव्रता हो सकेगा। श्री मौर्य आज पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज लखनऊ में ग्रामीण आजीविका मिशन के संबंध में आयोजित प्रशिक्षण/कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इसे पूर्व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी, एसआरएलएम द्वारा डिजिटल माध्यम से धनराशि हस्तांतरित करने हेतु नव विकसित साफ्टवेयर-प्रेरणा बजट मैनेजमेंट सिस्टम (पीबीएमएस पोर्टल) लांच किया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा की उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आईसीआईसीआई बैंक के तकनीकी सहयोग से प्रेरणा बजट मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया गया है, इसके माध्यम से मिशन अंतर्गत संचालित विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न मद में दिए जाने वाले फंड का रियल टाइम अनुश्रवण किया जा सकेगा और इसको पी एफ एम एस से लिंक किया जाएगा, जिससे की पैसा सीधे समूह/ग्राम संगठन अथवा संकुल स्तरीय संघ के खाते में चला जाएगा। कहा की मिशन समय-समय पर बदलती हुई वैश्विक एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नये तकनीकी नवाचारो के साथ-साथ महिला सम्मान, आत्मविश्वास, नेतृत्व एवं उनके स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ेगा।
उप मुख्यमंत्री प्रसाद मौर्य ने कहा की प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 70 लाख से अधिक परिवारों की महिलाओं को 6.46 लाख स्वयं सहायता समूहों, 34515 ग्राम संगठनों एवं 1903 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं विभिन्न क्रियाकलाप कर धनार्जन कर रही हैं और कई क्षेत्रों में तो अभूतपूर्व सफलता हासिल की गई है। सरकार महिलाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हर स्तर पर सहयोग कर रही है। आजीविका मिशन के तहत जहां महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं उनकी आमदनी का अच्छा जरिया भी मिल रहा है, यही नहीं इससे महिलाओं को सम्मान भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीसी सखी एक मोबाइल बैंक की तरह कार्य कर रही है। बीसी सखियों के कार्यों के उत्साहजनक परिणाम निखर कर आए हैं। कहा कि मनरेगा श्रमिकों के भुगतान कार्य स्थल पर जाकर बीसी सखियों के माध्यम से हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शत-प्रतिशत मनरेगा श्रमिकों का भुगतान बीसी सखियों के माध्यम से कार्यस्थल पर हो। इससे कार्यों में पारदर्शिता तो आएगी ही, श्रमिकों को भी समय से भुगतान हो जाएगा। उन्होंने कहा इस तरह प्रयास किया जाए और रणनीति बनाई जाए कि मनरेगा के सभी भुगतान बीसी सखियों के माध्यम से हों। कहा कि बीसी सखियों द्वारा कार्य करते हुए रु0 5451 करोड़ से अधिक की धनराशि लेनदेन करते हुए रू. 15 करोड़ से अधिक का लाभांश अर्जित किया गया है।
श्री मौर्य ने विद्युत सखियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि विद्युत बिल कलेक्शन में विद्युत सखियों का अभिनव प्रयोग सफल सिद्ध हुआ है और विद्युत सखियों के जीवन में खुशहाली आई है। प्रदेश में 9313 विद्युत सखियों द्वारा
रू. 258 करोड़ का विद्युत बिल कलेक्शन करते हुए रू. 3.68 करोड़ से अधिक की धनराशि कमीशन के रूप में अर्जित की गयी है।
कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विभिन्न जिलों में अनेक गतिविधियां की जा रही हैं। जैसे-कानपुर देहात में समूहों द्वारा-देहाती मार्ट स्थापित कर समूह द्वारा उत्पादित सामग्री की बिक्री की जा रही है। उन्होंने कहा विभिन्न जिलों में टेक होम राशन प्लांट बनकर तैयार हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लाभार्थियों की पक्के मकानों पर प्लेट/बोर्ड लगाए जाने है। उन्होंने कहा कि समूह की महिलाओं को प्रेरित कर, उनमे भी बोर्ड बनाने की क्षमता विकसित करने का प्रयास किया जाए।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, श्री हिमांशु कुमार ने आजीविका मिशन में अधिकारों के किये जा रहे प्रतिनिधायन से सम्बंधित अधिकारियों मे जिम्मेदारी का भी एहसास होगा। इससे आजीविका मिशन की कार्यप्रणाली और सुगम व सरल होगी। ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने कहा कि इस पोर्टल के लांच होने से कार्यों व भुगतान में और पारदर्शिता आएगी। उन्होंने ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला स्तर के अधिकारियों को इस पोर्टल के संबंध में उनके अधिकारों और दायित्वों का बोध कराया। मिशन निदेशक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा कि इस पोर्टल से भुगतान में विलंब संबंधी समस्याएं नहीं आएंगी उपायुक्त रोजगार को अधिकार विकेंद्रीकृत कर उन्हें और अधिक सक्षम और समर्थ बनाया जा रहा है। कहा कि इस नई व्यवस्था के उत्साहजनक परिणाम हासिल होंगे।
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