अंबेडकरनगर में मिलने वाली लावारिश लाशें पूछ रहीं खुद का पता
अंबेडकरनगर : जिले में आए दिन अज्ञात लाशें मिल रही हैं। उनमें से अधिकांश लाशों की शिनाख्त आज तक नहीं हो सकी। वे लाशें पुलिस से आज भी खुद का पता पूछ रही हैं। मृतक कहां का है और किस स्थिति में मौत हुई है? ये सवाल पुलिस के लिए यक्ष प्रश्न बन गए हैं।
कुछ की ही हुई शिनाख्त।आलम यह है कि अज्ञात लाशें खेत, झाडि़यों और रोड पर पड़ी मिल रही हैं। इनसे लोग काफी खौफ में है। इन गुमनाम लाशों में से कुछ की ही शिनाख्त हो पाती है। अधिकांश लाशें पहचान की मोहताज बनी रहती हैं.जिनका एक निधार्रित समय सीमा के बाद पुलिस खुद दाहसंस्कार करा देती है। ये शव ऐसे होते है जिनका कोई वारिश नहीं होता है।हफ्ते भर में मिलीं आधा दर्जन लाशें।इनका क्रिया कर्म पुलिस को ही करवाना पड़ता है। पिछले एक हफ्ते में जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस को करीब आधा दर्जन अज्ञात लाशें मिली हैं। पुलिस ने इन सभी शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। इनके परिजनों के आने का इंतजार पुलिस भी कर रही है। वे गुमनाम लाशें अभी भी पुलिस की डायरी में लावारिश ही हैं।तीन दिन तक रखी जाती हैं लाशें।मिलने वाली अज्ञात लाश के बारे में पुलिस एफआईआर दर्ज करती है। इसके बाद लाश को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया जाता है। पीएम रिपोर्ट में हत्या उजागर होने पर दर्ज रिपोर्ट को कत्ल में तब्दील कर विवेचना शुरू की जाती है। अज्ञात लाश की पहचान कराने के लिए 72 घंटे यानि तीन दिन तक रखा जाता है। इस बीच मृतक के परिजनों के आने का इंतजार किया जाता है। यदि कोई नहीं आता तो पुलिस इसे दफन या फिर दाहसंस्कार करवा देती है। जबकि पुलिस मृतक के कपड़े अपने कब्जे में ले लेती है। जिससे भविष्य में कपड़े के आधार पर मृतक की पहचान की जा सके।संजीदा है अंतिम संस्कार का तरीका।
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