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दीपक की रोशनी से जगमगाया अतरौलिया नगर

अतरौलिया आजमगढ़।सुख, समृद्धि और धन-धान्य से परिपूर्ण करने वाली मां लक्ष्मी पूजा के साथ ज्योति पर्व दीपावली के पर्व के अवसर पर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र भी दीपक की रोशनी से जगमगा उठा। कहीं-कहीं पर लोग दीपक की बजाय इलेक्ट्रानिक उपकरणों का अधिक प्रयोग किये। हालांकि ज्यादातर इलाकों में बिजली रानी गुल थीं, मगर कुछ लोगों ने अपने जनरेटर का प्रयोग कर रात को दिन बना दिया। वहीं कई जगहों पर लोग ताश के बाजी से धन लक्ष्मी को पाने का मशक्कत करते देखे गये। अब यह अलग बात है कि कुछ जुआरी अपने भाग्य को बदलने की चेष्टा में देर रात तक लगे रहे। इनमें कोई मालामाल हो रहा है, तो कोई जुआरी कंगाल बनकर खाली हाथ अपने घरों को लौटा। इस अवसर पर बच्चे, बूढ़े, जवान, मर्द और औरत सभी ने जमकर पटाखे तथा राकेट और अनार के अलावा फुलझड़ियां छोड़ते देखे जा रहे थे। शाम से देर रात तक लोगों का उत्साह देखते  ही बनता था। दीपावली के अवसर पर ग्रामीण बाजारों में खरीदारों की अत्यधिक भीड़ देखी गई। खासकर मिठाई तथा पटाखों की दुकानों पर तो दुकानदार मनमानी कीमत लेकर लक्ष्मी को अपनी तिजोरी में कैद कर रहे थे, पर गम किसे सभी दीपावली की मस्ती में अपनी जेबें खाली करने से नहीं चूक रहे थे ।उधर व्यापारियों ने अपने नए खाते शुरू किए। पूजन करने के बाद मिठाईयां बांटकर खुशियों का आदान प्रदान किया गया।
 अन्य वर्गों के लोगों ने दीपावली मनाने की तैयारियां हफ्ते भर पहले से जोरों पर की थी। जिसके अंतर्गत धनतेरस से बाजारों में आई रौनक आज पूरे शबाब पर थी। पटाखों, कपड़ों, श्री लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां, आभूषण, लाई और मिष्ठान की दुकानों पर आज दिन से ही खरीदारों का तांता लगा हुआ था। अमावस्या की रात के पांव पसारते ही घरों के आंगन, द्वार, छत, मुंडेर सब के सब इस तरह माटी के दीए, मोमबत्तियां एवं बिजली के झालरों से जगमगा उठे। मानों आकाश से तारावलियां कतारबद्ध उतरकर धरती को अलौकिक करने का मन बना रही हों। महानिशा काल में मंत्र सिद्ध व अनुष्ठान हुए। उनकी संख्या भी कम नहीं रही, जो द्यूत क्रीड़ा के माध्यम से रात भर अपने-अपने भाग का आंकलन करते रहे। आज सूरज की पहली किरण निकलने का हर किसी को इंतजार था। आजका सूरज भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक बनकर मानव को अंधकार से मुक्त कराने का संकल्प लेकर आने वाला है। अरुणोदय के साथ ही घर-घर में खुशी की लहर दौड़ गई। आज के सूरज की पहली किरण की स्वागत के लिए लोगों ने अपने घर बार की अच्छी तरह से साफ साफ सफाई की।नन्हें मुन्ने बच्चों में पटाखों की खरीद को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साह दिखा। पूजन के लिए फूल मालाओं की दुकानों पर भी काफी संख्या में लगाई गई थी। फूल वाले ठेला पर फूल माला रखकर बेचते हुए नजर आ देखे गए ।तथा विभिन्न स्थानों पर मां काली व लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां पंडाल के रूप में सजाई गई। इसके अतिरिक्त मंदिरो और देवस्थानों पर दीप जलाकर घर पर लक्ष्मी गणेश की प्रसन्नता के लिए यथाशक्ति आराधना की गई इसके बाद घरों की दहलीज पर दिए रखने के साथ-साथ खेत, खलियान, व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी दिए रखकर रोशनी की गई। लोगों ने अपनी अपनी दक्षता के अनुसार मोमबत्ती एवं दीप बत्ती जलाए।इसी प्रकार बढया,मदियापार, अतरैठ, कोयलसा, नन्दना, बूढ़नपुर, लोहरा सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया।


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