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'अवधी के जीवित इतिहास हैं डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप ' - डॉ.एम.पी.सिंह

 - कवि प्रदीप के जन्मदिन पर सम्मानित हुईं सात विभूतियां
 सुलतानपुर । ' लोक साहित्य में किया गया डॉ.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप का काम एतिहासिक है । वे अवधी के जीवित इतिहास हैं। उन्होंने लोक साहित्य को संजोकर हिंदी का उपकार किया है।' यह बातें वरिष्ठ भाजपा नेता व राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ.एम.पी.सिंह ने कहीं। 
वे रणवीर राजकुमार इंटर कालेज में साहित्य कला संस्कृति सम्वर्द्धन न्यास द्वारा आयोजित लोक भूषण डॉ
आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के सतहत्तरवें जन्मदिन पर आयोजित संगोष्ठी व सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
विशिष्ट अतिथि मुम्बई के साहित्यकार अरविन्द राही ने कहा कि लोकभाषा को सरल और सहज बनाकर पाठकों के सामने प्रस्तुत करना कवि प्रदीप की विशेषता है।
चर्चित गीतकार डॉ.सुरेश व्यथित ने कहा कि अवध की साहित्यिक परम्परा बिना प्रदीप के पूरी नहीं होती ।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर रामहित त्रिपाठी ने कहा कि सतहत्तर साल की उम्र में एक सौ चौवन से अधिक कृतियों की रचना करने वाला साहित्यकार हिंदी में दूसरा नहीं है। इसलिए आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप अद्वितीय साहित्यकार हैं । 
प्रतापगढ के अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि प्रदीप अवधी साहित्य के एक युग हैं। अवधी का इतिहास इनके बिना अधूरा है। 
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु ने आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के व्यक्तित्व व कृतित्व पर व्यापक चर्चा की ।
 सरस्वती वंदना ब्रजेश कुमार पाण्डेय 'इन्दु' , राष्ट्रीय गीत छविराज पाल व संचालन डॉ.राम प्यारे प्रजापति ने किया। स्वागत दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश व आभार ज्ञापन न्यास के सचिव पवन कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर डॉ.करुणेश भट्ट, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि, अवनीश त्रिपाठी, सर्वेश कांत वर्मा , सुरेश शर्मा, अंचल आदि ने भी अपने विचार रखे।
हर गोविंद सिंह, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, सुरेन्द्र यादव ,शेर बहादुर शुक्ल, नरेन्द्र शुक्ल आदि उपस्थित रहे।
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इन्हें मिला सम्मान - 
समारोह में डॉ.शोभनाथ शुक्ल को गद्य साहित्य रत्न, श्याम नारायण श्रीवास्तव को बाल साहित्य रत्न , श्रीनारायण लाल श्रीवास्तव को अवधी रत्न, डॉ.निरूपमा श्रीवास्तव को पद्य साहित्य रत्न , राज बहादुर राना को लोक साहित्य रत्न , सुभाषचंद्र यादव परदेसी को शिक्षा रत्न तथा केशव प्रसाद मिश्र को पत्रकारिता रत्न सम्मान प्रदान किया । मंचस्थ अतिथियों ने सभी को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह व पुष्पमाला देकर सम्मानित किया।
कवि विजय शंकर मिश्र भास्कर को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान दिये जाने की घोषणा पर न्यास द्वारा उन्हें अंगवस्त्र स्मृति चिन्ह व पुष्पमाला देकर सम्मानित किया गया।


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