खेत की सिंचाई करने गए अधिवक्ता की हत्या
कादीपुर सुलतानपुर।अखंडनगर थाना क्षेत्र के मरूई किशुनदासपुर निवासी महेंद्र प्रताप मौर्य पेशे से अधिवक्ता थे , घर से शाम रविवार लगभग 6 बजे धान की नर्सरी की सिंचाई करने गांव में ही स्थित खेत पर गए थे , वहां वह धान की नर्सरी की सिंचाई कर रहे थे कि घात लगाए अज्ञात हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी और घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई । देर रात्रि जब वह घर वापस नही आए तो परिजन उनकी तलाश करने लगे , तलाश करते उनके भाई जब नर्सरी वाली जगह पहुंचे जहा वह सिंचाई कर रहे थे कि उन्हें लगभग 150 मीटर पहले ही अधिवक्ता की लाश मिली । लाश देखकर उनके भाई ने हल्ला गुहार मचाया तो परिजन व गांव के कुछ लोग पहुंचे और पुलिस को सूचना दिए ,पुलिस ने रात्रि में ही शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ।
मृतक अधिवक्ता महेंद्र प्रताप के भाई सीताराम पुत्र नन्हकू की तहरीर पर गांव के ही राजाराम पाल सुत राम हरख पाल व तीन चार अज्ञात के विरुद्ध पुलिस ने अभियोग पंजीकृत किया । मृतक अधिवक्ता के भाई की तहरीर के अनुसार जमीनी विवाद में हत्या की गई । उनका आरोप है कि गांव के ही राजाराम पाल ने लगभग डेढ़ माह पूर्व मेरे भाई को जान से मारने की धमकी दी थी मुझे संदेह है कि यह हत्या राजाराम पाल व तीन चार अज्ञात लोगों ने मिलकर की है ।
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप मौर्य की हत्या से गांव में तनाव व परिजनों ने शोक व्याप्त है ।
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप मौर्य कादीपुर तहसील में वकालत करते थे उनके मृत्यु की सूचना पर तहसील अधिवक्ताओं ने कार्यकारी अध्यक्ष अशोक उपाध्याय तथा सचिव अखिलेश उपाध्याय के नेतृत्व में शोक सभा कर साथी अधिवक्ता के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की तथा सोमवार मंगलवार को कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव पारित किया ।
साथी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप मौर्य के मृत्यु के बाद परिजनों के आक्रोश को पुलिस ने बल प्रयोग कर शांति करवाया इससे बौखलाए अधिवक्ताओं ने तहसील दिवस में पहुंचकर उपजिलाधिकारी उत्तम कुमार तिवारी व क्षेत्राधिकारी विनय गौतम से किए गए पुलिस बल प्रयोग की शिकायत कर पुलिस के विरुद्ध मुकदमा लिखने की मांग की । अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस डेड बॉडी लेने के लिए परिजनों पर लाठी चार्ज किया जिससे परिजनों को चोटें आई है । अधिवक्ताओं ने पुलिसिया कार्यवाही की निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे बाजी भी की । फिर हाल क्षेत्राधिकारी विनय गौतम ने आरोपों को असत्य व निराधार बताया ।
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