Religion and Culture / धर्म और संस्कार

एक दिवसीय सत्यनारायण कथा व गुरूदीक्षा का आयोजन, 51 लोगो ने ली गुरु दीक्षा।

माहुल(आज़मगढ़)फूलपुर तहसील के गुमकोठी गाव मे गुरूवार को एक दिवसीय सत्यनारायण कथा व गुरूदीक्षा का आयोजन किया गया जिसमे कथा के बाद 51 जजमानोको विधि विधान से दीक्षा दी गयी।
कुलगुरू हरिओम शास्त्री द्वारा सत्यनरायन कथा व नव ग्रहपूजन के बाद कथा पंडाल मे उपस्थित पंडितो द्वारा विधि विधान से मंत्रोचारण के साथ 51 जजमानो को दीक्षा दिलाई 
 दीक्षा के बाद हरिओम शास्त्री ने कहा कि शिव पुराण में भगवान् शिव माता पार्वती को ​योग्य शिष्य को ​​​दीक्षा ​देने ​के महत्व को इस प्रकार समझाते हैं- हे वरानने, आज्ञाहीन, क्रियाहीन, श्रद्धाहीन तथा विधि के पालनार्थ दक्षिणाहीन जो जप किया जाता है वह निष्फल होता है. इस वाक्य से गुरु दीक्षा का महत्व स्थापित होता है. दीक्षा के उपरान्त गुरु और शिष्य एक दूसरे के पाप और पुण्य कर्मों के भागी बन जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार गुरु और शिष्य एक दूसरे के सभी कर्मों के छठे हिस्से के फल के भागीदार बन जाते हैं. यही कारण है कि दीक्षा सोच समझकर ही दी जाती है.।यह कार्यक्रम शाम चार बजे से शुरू होकर रात आठ बजे तक चला।
इस अवसर पर आचार्य धरणीधर पाण्डेय, शिवनरायन, वेदप्रकाश, राजनाथ, कल्पनाथ, जगतनरायन आदि रहे।


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