लोकायुक्त ने निदेशक बेसिक शिक्षा से मांगा जवाब एडी बेसिक शिक्षा को किया जवाब तलब
● सहायक अध्यापक द्वारा पदीय दायित्वों के अनियमितता से जुड़े आरोपों का मामला एडी बेसिक ने सहायक अध्यापक व आरोपित एबीएसए जगदीश यादव को कल किया तलब
●उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश की स्वीकृति के बावजूद भी अनुपस्थित दिखाए जाने से जुड़ा मामला अनियमितता के घेरे में तत्कालीन एबीएसए दोस्तपुर
सुल्तानपुर । जीवन की प्राथमिक बुनियाद की दहलीज को बरकरार रखने वाले शिक्षा के मंदिर के धरोहर ने ही अपने महारथियों के कारनामे की पोल खोल कर रख दी है , मामला कोई मामूली नहीं बल्कि एक पदीय दायित्वों के निर्वहन में अनियमितता से जुड़ा बताया जा रहा है । जिसको लेकर प्राथमिक बुनियाद के शिल्पकार कहे जाने वाले शिक्षाविद या कहे तो अध्यापक जोकि प्राथमिक विद्यालय गानापुर में तैनात सहायक अध्यापक अरविंद कुमार मौर्य ने अपने ही विभाग के अवैधानिक कृत्यों की कलई खोल कर रख दी है , जिसके बाद महकमे में हड़कंप मचा गया है । लेकिन उच्चाधिकारियों के खेमे ने लाम्बंदी करते हुए कार्यवाही को ठंडे बस्ते में करने की नवैय्यत रच दी । जिसके बाद मामला न्यायालय की चौखट पर होते हुए सरकार की लोकायुक्त जांच एजेंसी में शामिल हो गयी , जिसके बाद दोषियों के खिलाफ मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं और एडी बेसिक शिक्षा अयोध्या मंडल रामसागर पति त्रिपाठी ने भी दबी जुबान एबीएसए दोस्तपुर जगदीश यादव के कारनामे पर सवालिया निशान भी उठाते हुए कहा है कि जांच प्रक्रिया को भी परिवर्तित किया गया क्योंकि जांच अधिकारी कहीं ना कहीं आरोपित एबीएसए जगदीश यादव के दबाव में नजर आते रहे हैं । और मामला जब मीडिया की सुर्खियों में आया तो महकमे में हड़कंप मच गया , जिसके बाद आनन-फानन में जांच टीम को एडी बेसिक रामसागर पति त्रिपाठी ने भंग करते हुए नई जांच कमेटी का ऐलान कर दिया क्योंकि मामला एबीएसए से जुड़ा था और जांच अधिकारी भी खंड शिक्षा अधिकारी ही बताए जा रहे थे । जिस पर सवालिया निशान उठना लाजमी था जिसको लेकर एडी बेसिक शिक्षा अयोध्या परिक्षेत्र ने संज्ञान में लिया और स्वीकारोक्ति करते हुए कहा कि समकक्ष अधिकारी द्वारा जांच प्रक्रिया को अवैधानिक माना जाएगा । चूंकि उक्त प्रकरण की जांच स्वयं बीएसए दीवान सिंह यादव द्वारा किया जाना था , लेकिन किन परिस्थितियों के चलते उक्त जांच प्रक्रिया में एबीएसए को शामिल नहीं किया गया यह भी एक जांच का विषय है । उक्त प्रकरण की जांच बीएसए द्वारा ही की जाएगी । जिसके बाद तमाम अनियमितताओं को देखते हुए लोकायुक्त शासन सख्त रूप अख्तियार करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक को एक पत्र जारी किया और सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक अयोध्या मंडल से जवाब तलब कर लिया , जिसको देखते हुए सुल्तानपुर बेसिक शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है । बताते चलें की जांच प्रक्रिया व न्यायालय की कवायद में फंसता देख एबीएसए जगदीश यादव ने स्थानांतरण सूची में अपने नाम को भी स्थान दिलाने की कवायद तो रचित लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो सामान्य निर्वाचन विधानसभा 2022 तक उनको नहीं रिलीव किया गया । जब लोकायुक्त शासन ने सिकंजा कसना शुरू किया तो एबीएसए जगदीश यादव को जनपद से रिलीव कर दिया गया । लेकिन फिलहाल लोकायुक्त शासन द्वारा जारी जांच में अभी फिलहाल उनको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है । क्योंकि मामला सजातीय होने के चलते जांचकर्ता समेत आरोपित व बेसिक शिक्षा के जिला महकमें के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह यादव सजातीय चक्रव्यूह की संरचना मैं क्लीन चिट देने की कवायद में जुटे थे । लेकिन मामला जब साक्षीय अभिलेखों पर आता देखा तो मामले से दूरियां बरकरार करते हुए नजर आए , लेकिन एबीएसए जगदीश यादव की कारस्तानी इस कदर अधिकारियों के हौसले पर पड़ी की शिकायती सहायक अध्यापक अरविंद कुमार मौर्य पर अज्ञात अराजक तत्वों द्वारा दबाव बनाने की कोशिश करते हुए मामले को रफा-दफा करने की नियत से धमकी दी जाने लगी और अज्ञात लोगों द्वारा गाड़े बंदी किया जाने लगा , जिसकी शिकायत पुलिस महकमें के उच्चाधिकारियों से भी किया गया । मामला शिक्षा अधिकारियों के हाथ से निकलकर पुलिस की चौखट तक जा पहुंचा और जब मामला निस्तारित नहीं होता दिखा तो सहायक अध्यापक अरविंद कुमार मौर्या ने न्यायालय की शरण ली और सहायक अध्यापक के अधिवक्ता संतोष कुमार पांडे ने सक्षम न्यायालय के समक्ष मामले को रखते हुए न्याय की गुहार लगाई । जिसमें अप्रैल माह में सुनवाई नियत है । दूसरी तरफ लोकायुक्त शासन उत्तर प्रदेश द्वारा एबीएसए जगदीश यादव समेत सुल्तानपुर जनपद के तमाम शिक्षा अधिकारी जांच की जद में आते नजर आ रहे हैं । कल दिनांक 30 मार्च 2022 को एडी बेसिक अयोध्या परिक्षेत्र ने तत्कालीन एबीएसए रहे जगदीश यादव को जवाब तलब करते हुए अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में जवाब तलब किया है , और सहायक अध्यापक अरविंद कुमार मौर्य को आरोपित के खिलाफ साक्ष्यों को प्रस्तुत करने के लिए अपने कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित होकर साक्ष्यों को उपलब्ध कराने की नोटिस शामिल कराई है । यह तो भविष्य के गर्भ में है कि पदीय दायित्वों के हरण मामले में आरोपी तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी रहे जगदीश यादव कल एडी बेसिक के कार्यालय में अपनी क्या दलील प्रस्तुत करेंगे या फिर मामले से दो-दो हाथ पीछे नजर आते दिखेगें या फिर सहायक अध्यापक अपने पक्ष में कल क्या साक्ष्यों की फेहरिस्त पेश कर शिक्षा महकमे की कलाई खोलते नजर आएंगे ।
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