भगवंत मान ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, कहा-हमारी सरकार पूर्ववर्ती सरकार की तरह नही..…..
16 मार्च को भगवंत मान शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़कलां में पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पंजाब विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद भगवंत मान शनिवार को गवर्नर बीएल पुरोहित से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। मान ने कहा कि मैं राज्यपाल से मिला और हमारे विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने मुझसे कहा कि हम जहां भी शपथ ग्रहण समारोह करना चाहते हैं, उन्हें बता दें। शपथ ग्रहण समारोह 16 मार्च को दोपहर 12.30 बजे पैतृक गांव भगत सिंह खटकड़ कलां में होगा। मान ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब भर से लोग आएंगे और भगत सिंह को श्रद्धांजलि भी देंगे। हमारे पास एक अच्छा कैबिनेट होगा। हमारी सरकार द्वारा ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लिए जाएंगे, जो पहले कभी नहीं लिए गए। बस इंतजार कीजिए। इससे पहले शुक्रवार को मान ने दिल्ली में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने 16 मार्च को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए केजरीवाल को न्योता दिया। भगवंत मान ने अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं पार्टी के पंजाब मामलों के सह प्रभारी राघव चड्ढा के साथ बैठक की और आगे की रणनीति पर चर्चा की।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल 13 मार्च को गुरु की नगरी अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब, दुर्ग्याणा मंदिर और रामतीर्थ मंदिर के दर्शन करेंगे और ऐतिहासिक जीत के लिए माथा टेककर भगवान का शुक्रिया अदा करेंगे। उसके बाद दोनों नेता अमृतसर में साथ में पंजाब की जनता को धन्यवाद देने के लिए रोड शो करेंगे।
विधायकों की बैठक में बोले मान, अब सरकार चंडीगढ़ से नहीं चलेगी
पंजाब की नई सरकार अब चंडीगढ़ से नहीं, बल्कि सूबे के गांवों, वार्डों और मोहल्लों से चलेगी। यह बात शुक्रवार को नवनिर्वाचित 92 विधायकों की बैठक में भगवंत मान ने कही। उन्होंने विधायकों से कहा कि चंडीगढ़ में कम से कम रहना है। हमें उस इलाके में जाकर काम करना है, जहां से हमने वोट मांगे थे। अब किसी भी व्यक्ति को काम करवाने के लिए चंडीगढ़ नहीं बुलाना है। बल्कि उनके इलाके में जाकर वहीं पर काम करने हैं।
बैठक में भगवंत मान को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। बैठक में भगवंत मान ने विधायकों को समझाया कि वह रोजाना 4-5 गांवों में अफसरों को साथ लेकर जाएं। वहां पर जाकर लोगों की दिक्कतों को सुनें और उनका मौके पर ही निपटारा करें ।।
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