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प्रदेश में 03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2023 तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का हुआ शुभारम्भ

लखनऊ :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सभी लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें, तो असाध्य बीमारी को भी समाप्त होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। इंसेफेलाइटिस का उदाहरण हम सबके सामने है। आज इन्सेफेलाइटिस समाप्ति की कगार पर है। इसे जल्द ही पूर्ण रूप से समाप्त कर इसके उन्मूलन की घोषणा की जाएगी। यह एक सफलतम उदाहरण साबित होगा। आम जनमासन की जागरूकता, स्वास्थ्य कर्मियों की सर्तकता और हर विभाग द्वारा जिम्मेदारियों के निर्वहन से कालाजार, चिकनगुनिया जैसे संचारी रोगां का पूरी तरह उन्मूलन करने में सफलता प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर के बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में प्रदेश में 03 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2023 तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियन्त्रण अभियान का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने जनजागरूकता के लिये प्रचार वाहनां को झण्डी दिखाकर रवाना किया। 02 आशा व 02 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के 04 लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी प्रदान किए।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री  ने देवरिया जिले की घटना में घायल बालक को देखा और उसके उपचार आदि के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि बालक के उपचार में किसी प्रकार की कोई कमी न हो। मुख्यमंत्री  ने बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज के डेंगू वॉर्ड का निरीक्षण कर वहां भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य आदि के बारे में जानकारी भी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आज से 6 वर्ष पूर्व वर्ष 2017 में डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया जैसे संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए विशेष अभियान का शुभारम्भ किया गया था। इसके अच्छे परिणाम हम सबके सामने हैं। इन परिणामां को देखकर ही प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष 03 बार अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से संचारी रोग नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाती है। इस विशेष अभियान में पहले 15 दिन का कार्यक्रम जनजागरण व अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिये है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि दस्तक अभियान के अन्तर्गत आशा एवं ए0एन0एम0 घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोगों के बारे में जागरूक करती हैं। 16 से 31 अक्टूबर, 2023 तक दस्तक अभियान के अन्तर्गत आशा कार्यकर्त्री द्वारा घर-घर जाकर बुखार, खांसी एवं अन्य शिकायतों के मरीजों को चिन्हित कर उनकी काउंसलिंग, हॉस्पिटल तक पहुंचाने और उनके समुचित उपचार की व्यवस्था हेतु एक विशेष कार्यक्रम चलेगा।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। वर्ष 2017 से पूर्व इस मौसम में पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से प्रभावित रहता था। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 मरीज भर्ती रहते थे। प्रतिवर्ष पूरे प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से 1200 से 1500 बच्चों की मृत्यु होती थी। अकेले बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 बच्चों की मृत्यु जापानी इन्सेफेलाइटिस से हो जाती थी। मध्य उत्तर प्रदेश का जनपद बरेली, बदायूं एवं उसके आसपास का क्षेत्र डेंगू और मलेरिया तथा बुन्देलखण्ड का क्षेत्र चिकनगुनिया से ग्रस्त रहता था।
जनपद फिरोजाबाद, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ से लेकर वाराणसी तक डेंगू व्यापक रूप से प्रभावी रहता था। जनपद वाराणसी से लेकर कुशीनगर तथा बिहार से सटे क्षेत्रों में कालाजार की बीमारी जनजीवन को प्रभावित करती थी। यह बीमारियां स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चुनौती थी। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर नगर विकास, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, प्राथमिक शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग आदि के अन्तर्विभागीय समन्वय से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। सभी विभागों को लक्ष्य देकर कार्यक्रम आगे बढ़ाया गया। अब इसके सुखद परिणाम सबके सामने हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग द्वारा स्वच्छता अभियान तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषण के खिलाफ अभियान चलाकर एवं अन्य विभागों के सहयोग से इन रोगों के उन्मूलन हेतु प्रयास किया गया। वर्तमान में बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में इन्सेफेलाइटिस का एक भी मामला नहीं है। इस मामले में बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज सौभाग्यशाली है क्योंकि यहां एक लम्बे समय तक इंसेफेलाइटिस के विरुद्ध संघर्ष किया गया था।
ए0ई0एस0 के मामलों के लिए सर्विलांस प्रणाली को मजबूत कर तथा ई0टी0सी0 सेंटर संचालित कर इसकी प्रभावी रोकथाम की गई। प्रत्येक जगह पर मिनी पीकू स्थापित हो चुके हैं तथा वहां समुचित स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। स्वास्थ्य कर्मियां के प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ए0ई0एस0 के मामलों में स्वच्छता बहुत जरूरी है।
प्रदेश में स्वच्छता के लिए विभिन्न कार्यक्रम तथा शुद्ध पेयजल के लिए हर घर नल योजना संचालित की जा रही है। स्वच्छता के लिए ही प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में पूरे देश में महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छांजलि कार्यक्रम चलाया गया। यह बापू को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि थी, क्यांकि स्वच्छता उनका सबसे प्रिय विषय था। उनको पता था कि गंदगी से उत्पन्न बीमारी से व्यक्ति की सामर्थ्य और शक्ति कमजोर हो जाती है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि सशक्त व स्वावलम्बी भारत के निर्माण के लिए स्वच्छता ही एक मार्ग है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी ने 02 अक्टूबर, 2014 से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरूआत की थी। इसके परिणाम स्वरूप स्वच्छता के प्रति लोगों में अद्भुत जागरूकता पैदा हुई है। आज प्रत्येक घर में शौचालय की उपलब्धता है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर एवं अन्य विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा भी स्वच्छता पर जोर दिया जा रहा है। हम सभी को स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
 मुख्यमंत्री  ने लोगों से संचारी रोगों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान का हिस्सा बनने की अपील करते हुए कहा कि इन्सेफलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया को पूरी तरह से समाप्त करने में योगदान देंं। आज जहां देश के विभिन्न राज्यों में डेंगू कहर ढा रहा है, वहीं संचारी रोग नियंत्रण अभियान के परिणामस्वरूप प्रदेश में यह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों पर शोध के लिए बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में एक वायरोलॉजी रीजनल रिसर्च सेन्टर की स्थापना की गयी है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत से वर्ष 2025 तक टी0बी0 को पूरी तरह समाप्त कर देने का आह्वान किया है। इसके लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, चिकित्सकां, पैरामेडिकल तथा आम नागरिकां से अपील की कि यदि आपके आस-पास टी0बी0 से पीड़ित कोई भी बच्चा, दिव्यांग या अन्य व्यक्ति हो, तो उन्हें गोद लेकर स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व मे चलाये जा रहे इस अभियान का हिस्सा बनें। इसके लिए दवा और अन्य तमाम सुविधाएं सरकार उपलब्ध करा रही है। अगर हम उन लोगां को सुविधा उपलब्ध करा देंगे, तो यह मानवता, समाज व राष्ट्र के प्रति बहुत बड़ी सेवा होगी।
इस अवसर जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


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