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मुख्यमंत्री ने चक्रतीर्थ, नैमिषारण्य में दर्शन-पूजन तथा संतगण से संवाद स्थापित कर उन्हें सम्मानित किया।

लखनऊ :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नैमिषारण्य भारत की वैदिक और पौराणिक धरती है। प्रदेश सरकार नैमिषारण्य की वैदिक और पौराणिक पहचान को पुनर्स्थापित करना चाहती है। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए नैमिषारण्य में इलेक्ट्रिक बस सेवा बहुत शीघ्र प्रारम्भ हो जाएगी। प्रदेश सरकार लखनऊ से नैमिषारण्य के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू करने जा रही है। राज्य सरकार नैमिषारण्य में सड़कों के चौड़ीकरण, जन सुविधाओं में वृद्धि के लिए प्रयासरत है। पूर्व में राजधानी लखनऊ के निकट होने के बाद भी नैमिषारण्य में दिया तले अंधेरा था।
मुख्यमंत्री जी यह विचार आज जनपद सीतापुर के चक्रतीर्थ, नैमिषारण्य में दर्शन-पूजन व संतगण से संवाद स्थापित करने के उपरान्त व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री  ने संतगण को सम्मानित किया तथा संतगण, जनप्रतिनिधियों, बच्चों व आमजन के साथ स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि नैमिषारण्य में प्रदेश के नागरिकों के साथ-साथ सम्पूर्ण देश के नागरिक आना चाहते हैं। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नैमिषारण्य के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं। अभी इसकी छोटी सी झलक सामने आयी है, प्रदेश सरकार यहां बहुत से विकास कार्यों को आगे बढ़ाने जा रही है। जब सभी कार्य मूर्त रूप लेंगे, तो आपको लगेगा कि केवल अयोध्या और लखनऊ में ही विकास नहीं हो रहा है, बल्कि नैमिषारण्य भी विकास की प्रक्रिया के साथ जुड़कर अपनी पहचान को फिर से स्थापित कर रहा है। इसमें यहां के पूज्य संतों, श्रद्धालुजनों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास के लिए धन की कमी नहीं है।  
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  ने गांधी जयंती पर पूज्य बापू के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए स्वच्छांजलि का आह्वान किया है। इस कार्य की शुरुआत के लिए प्रदेश सरकार ने नैमिषारण्य को चुना है। सभी पूज्य संत, श्रद्धालुजन स्वच्छांजलि कार्यक्रम में सहभागी बनें। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वितीय चरण के तहत नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के 100 प्रतिशत गांवों ने ओ0डी0एफ0 प्लस का दर्जा प्राप्त कर लिया है। इसके लिए प्रधानमंत्री  ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश की जनता को बधाई दी है। गांधी जयंती से पूर्व प्रदेश के नाम स्वच्छता की एक और उपलब्धि जुड़ी है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि अयोध्या में भगवान  राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ नैमिषारण्य के विकास की सम्भावनाएं और तेजी से आगे बढ़ी हैं। नैमिषारण्य के लिए यह एक अच्छा अवसर है। हम सब मिलकर विकास कार्य को आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए एक अच्छा वातावरण देना होगा। स्वच्छ वातावरण, सुरक्षित वातावरण की ओर ले जाएगा। नैमिषारण्य में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए। किसी भी श्रद्धालु और पर्यटक के साथ कोई छल-कपट नहीं किया जाना चाहिए। सद्व्यवहार से लोगों के मन में अच्छी धारणा बनती है। इससे वह अन्य लोगों को भी परिचित कराते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्ति और योग की प्रक्रिया में भी स्वच्छता को प्राथमिकता दी गई है। भौतिक रूप से स्वच्छता की शुरुआत नैमिषारण्य तीर्थ की स्वच्छता के माध्यम से की जा रही है। हम सबको स्वच्छता को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। जीवन की पहली आवश्यकता स्वच्छता है। इसे जन आंदोलन के रूप में अंगीकार करना चाहिए। स्वच्छ परिवेश में लोगों को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति होगी।
हमारा प्रयास होना चाहिए कि तीर्थ स्थलों, नदी तटों, सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक करें। इस कार्य के लिए हम सभी को संवेदनशील होना पड़ेगा। हम सभी का दायित्व बनता है कि स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपना योगदान दें। स्वच्छता रहेगी तो विकास की आगे की धाराएं स्वयं खुलती हुई दिखाई देंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाना पड़ेगा। प्लास्टिक से दूरी बनाना अत्यंत आवश्यक है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि किसी भी तीर्थ, आश्रम और सार्वजनिक स्थान पर प्लास्टिक के कप, प्लेट, पॉलिथीन और थर्माकोल से निर्मित वस्तुओं को पूर्ण रूप से निषिद्ध करें। प्लास्टिक के बहुत सारे विकल्प आ चुके हैं। इन विकल्पों को स्वीकार करना चाहिए।


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