बारातियों पर हुई फायरिंग ,चंद सेकेंड में खुशियों पर फ़िरा पानी ...जौनपुर अम्बेडकरनगर
अंबेडकरनगर: घर में हंसी-खुशी शादी की तैयारियां परवान चढ़ रही थीं। मेंहदी, हल्दी की रस्म हो चुकी थी। महिलाएं मंगल गीतों की धुन पर थिरक रही थीं। कैटर्स मिठाई, पकवान बनाने में व्यस्त थे। फूल, इत्र, अगरबत्ती की खुशबू से घर आंगन तक महक रही थी।
चारों तरफ उल्लास ही उल्लास था। ट्यूबलाइट से मंडप जगमग था। गांव, जवार के लोग बैठकर हंसी, ठिठोली में व्यस्त थे। सिर पर कलश उठाने के लिए मजदूर द्वारपूजा के इंतजार में थे। रिश्तेदारियों से आई महिलाएं माली संग जयमाल का स्टेज सजाने में मशगूल थीं। पुरोहित द्वारपूजा की सामग्री सजाने में लगे थे। कन्या पक्ष के लोग द्वार पर बरात आने के इंतजार में थे। दूल्हा-दुल्हन के दिल में शहनाई की गूंज के बीच चंद समय बाद एकदूजे के होने की खुशियां हिलोरें ले रही थीं, लेकिन अचानक शहनाई के बजाय गोलियां चलने तथा उसके बाद पुलिस के तेज सायरन से इलाका गूंज उठा। शादी वाले दरवाजे पर अचानक पुलिस के बूटों की आवाज से गीतों के धुन थम गए। वर्दी वालों की आमद से किसी अनहोनी की आशंका से लोग तितर-बितर होने लगे। इसके बाद घर में शादी की खुशियां मंद पड़ने लगीं। यह आलम भीटी थाने के समंथा चौराहा निवासी सूबेदार अग्रहरि के घर का था।
मंगलवार को उनकी पुत्री #रूबी_अग्रहरि की शादी थी। जौनपुर जिले के शाहगंज थाना क्षेत्र के गांव जहरुद्दीनपुर निवासी #अभयराज_अग्रहरि के पुत्र बोबी की बरात जनवासे से महज 500 मीटर दूर थी कि अचानक अराजक तत्वों ने दूल्हे पर फायरिग कर बारातियों पर धावा बोल दिया। इससे वर व कन्या पक्ष में अफरातफरी मच गई। शादी वाले घर में खुशी की जगह सन्नाटा पसर गया।
दूल्हा समेत बरात वापस जाने के बाद कन्या पक्ष ने वर पक्ष के लोगों से शादी के लिए रातभर मनुहार किया। वर पक्ष ने सुरक्षा का वास्ता देते हुए मना कर दिया। काफी मनुहार के बाद शाहगंज के किसी मंदिर में शादी के लिए हामी भरी, लेकिन सुबह फिर इन्कार कर दिया। कन्या पक्ष के दर्जनों लोगों ने सुबह दूल्हे के शाहगंज स्थित घर पहुंचकर वार्ता की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
कन्या पक्ष का लाखों रुपये का नुकसान हुआ। आगंतुकों, बरातियों आदि के लिए चाट, टिकिया, फुल्की आदि स्टॉल का पैसा व्यर्थ हो गया। पकवान, मिठाइयां फेंकनी पड़ीं। लाइट, जयमाल स्टेज, टेंट आदि पर खर्च पैसे का स्वार्थ नहीं निकल पाया। खरीदे गए पानी, फल, दूध, कैटर्स आदि पर खर्च किया गया पैसा बेकार हो गया। इससे पीड़ित की कमर ही टूट गई।
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