ठाकुर दीन पाठक स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय में साहित्य और संवेदना विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन अंबेडकर नगर
आलापुर: सैदेही अंबेडकरनगर में साहित्य और संवेदना विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अध्यक्षता अंशदार शुक्ल ने किया मुख्य अतिथि अतुल कुमार शुक्ला शाखा प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा रफीगंज रहे सरस्वती वंदना से इस विचार गोष्ठी का शुभारंभ हुआ विचार गोष्ठी का संचालन श्रीमती नीरज सिंह ने किया सरस्वती वंदना डॉक्टर सतीश सिंह ने बड़े मधुर स्वर में किया ठाकुर दीन पाठक स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्थापक स्वर्गीय राधेश्याम पाठक के चित्र पर माल्यार्पण कर मुख्य अतिथि अतुल कुमार शुक्ला डॉ श्रीराम पाठक दिनेश सिंह नीरज सिंह स्वस्तिक सिंह, ओमप्रकाश पांडे धीरेंद्र सिंह सहित आदि कर्मचारियों द्वारा किया गया इस अवसर पर आए हुए मुख्य अतिथि ने संबोधन में कहा कि संवेदना साहित्य का प्राण है संवेदना शून्य और संवेदना ही साहित्य का कोई मूल्य नहीं है। इस अवसर पर इस गांव की माटी में पैदा हुए युगपुरुष श्री राम सिंह को याद किया गया और साहित्य पर अमिट छाप छोड़ने वाले यह वाद के प्रवर्तक सलाम श्री राम सिंह की तमाम कविताओं का उदित किया गया इसके बाद विचार गोष्ठी मैं महानुभाव के स्वागत किया गया मुख्य वक्ता के रूप में अतुल कुमार शुक्ल सहित संवेदना के स्वर से तमाम विधाओं के बारे में चर्चा की गई गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ श्री राम पाठक ने कहा कि कोविड-19 ने जनजीवन को प्रभावित करने के साथ साहित्य और संवेदना को भी प्रभावित किया है। लोग आकस्मिक दुर्घटना बीमारी बुढ़ापे में मरते हैं ऐसा आभास सालों साल चले ऐसा जीवन में कभी नहीं देखा गया आदमी समाज में आदमियों के बीच रहने में घबरा रहा है। कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति के पास आने से फैलता है इस विषाणु से होने वाले आदमी से आदमी दूर होता जा रहा है अपने ही लोग दूरी बना रहे हैं मानवीय संवेदना समाप्त हो रही है।
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