प्रतापगढ़ - पराली जलाये जाने की घटनाओं पर पूर्णतया अंकुश लगाने हेतु जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को दिये कड़े निर्देश
प्रतापगढ़:- जिलाधिकारी डा0 रूपेश कुमार द्वारा समस्त उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को पूर्व में निर्देशित किया गया था कि यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता है तो उसके विरूद्ध विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उसे लाभार्थीपरक सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाये एवं साथ ही अर्थदण्ड अधिरोपित व वसूली कर पराली जलाने वालों को हतोत्साहित करते हुये पराली जलाये जाने सम्बन्धी घटनाओं पर पूर्णतया अंकुश लगाये किन्तु दिनांक 22 नवम्बर की समीक्षा के दौरान जनपद में तहसीलवार पराली जलाये जाने की घटनायें रानीगंज में 05 व अर्थदण्ड की वसूली शून्य, पट्टी में 04 व अर्थदण्ड की वसूली 7500, लालगंज 17 व अर्थदण्ड की वसूली 55000 एवं कुण्डा में 13 व अर्थदण्ड की वसूली 45000 कुल 39 घटनायें परिलक्षित हुई है। विगत वर्ष इस अवधि में 15 पराली जलाये जाने की घटनाओं के सापेक्ष इस वर्ष 39 घटनायें हो चुकी है जो अत्यन्त आपत्तिजनक है। पराली जलाये जाने की बढ़ती घटनाओं से प्रतीत हो रहा है कि विभिन्न निर्देश निर्गत करने के बावजूद आप लोग कतई संवेदनशील नही है जिसके कारण घटनायें लगातार बढ़ती जा रही है, इतना ही नही बल्कि अर्थदण्ड अधिरोपित करने व उसकी वसूली कराने में भी आप लोगों द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को कड़े निर्देश देते हुये निर्देशित किया है कि तत्काल पूर्व निर्गत निर्देशानुसार प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कर पराली जलाये जाने की घटनाओं पर पूर्णतया अंकुश लगाते हुये पिछले वर्ष की तुलना में हुई वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में दोषी लेखपाल एवं अन्य कर्मियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये स्पष्टीकरण प्राप्त करें।
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