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यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत तकरीबन 18000 भारतीयों को वापस लाने के लिए की जा रही वैकल्पिक व्यवस्था


        नई दिल्ली। रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद उत्पन्न हुए हालातों को लेकर यूक्रेन में भारतीय राजदूत ने कहा है कि राजधानी कीव के भीतर भारतीय एंबेसी बंद नहीं होगी और यह पहले की तरह ही काम करती रहेगी। इस बीच विदेश राज्य मंत्री ने कहा है कि विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत तकरीबन 18000 भारतीयों को वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है।

बृहस्पतिवार को यूक्रेन में भारतीय राजदूत की ओर से कहा गया है कि रूस की ओर से यूक्रेन के ऊपर किए गए हमले के बावजूद राजधानी कीव में भारतीय एंबेसी को बंद नहीं किया जाएगा और यह पहले की तरह अपना काम करती रहेगी। उधर भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि विदेश मंत्रालय यूक्रेन में फंसे छात्र छात्राओं समेत तकरीबन 18000 भारतीयों को वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। यूक्रेन में रूसी हमलों के मद्देनजर हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया है, इसलिए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच तनातनी और युद्ध के मामले पर भारत ने अपना पक्ष साफ कर दिया है। इस संबंध में भारत सरकार ने पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी थी। इसके अलावा भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को बाहर निकालने की पहले से ही व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि वहां पर ऐसी स्थिति है कि प्लेन लैंड नहीं कर पा रहा है, सरकार इस बात को लेकर काफी चिंतित है।
यूक्रेन में हमारा दूतावास खुला है और लगातार काम कर रहा है।
युद्ध के चलते एयर स्पेस बंद कर दिया गया है जिसके चलते स्पेशल फ्लाइट प्रभावित हुई हैं।
  इस स्थिति में मेरी यहां यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों से अपील है कि आप जहां हैं, वहीं रहें:
पार्थ सत्पथी, यूक्रेन में भारत के राजदूत


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