International News / अंतराष्ट्रीय ख़बरे

तीन महीने में 5000 से ज़्यादा इस्राईलियों के यूएई की नागरिकता लेने का पर्दा फ़ाश ...

देश दुनिया : इमारात लीक्स नामक वेबसाइट ने पिछले तीन महीने में 5000 से ज़्यादा इस्राईलियों के यूएई की नागरिकता लेने का पर्दा फ़ाश किया है।इमारात की अंदर की ख़बरों को लीक करने के लिए मशहूर इस वेबसाइट ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कुछ विश्वस्त सूत्रों के हवाले से, जिन्होंने अपना नाम ज़ाहिर न करने की शर्त रखी है, बताया है कि तीन महीने में पांच हज़ार से ज़्यादा इस्राईलियों के यूईए की नागरिकता लेने से इस देश की जनसंख्या का ढांचा बिगड़ सकता है और साथ ही पड़ोसी देशों के लिए सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। उक्त सूत्रों का कहना है कि उन्हें ऐसे डाक्यूमेंट्स मिले हैं जिनसे पता चलता है कि ज़ायोनी, इमारात में पूंजी निवेश की आड़ में बड़ी संख्या में इस देश की नागरिकता ले रहे हैं। इन सूत्रों का यह भी कहना है कि इमारात के अधिकारी पूंजी निवेश करने वालों और व्यापारियों को अपने देश की नागरिकता छोड़े बिना, यूएई की नागरिकता लेने की अनुमति दे रहे हैं।
इस्राईली समाचारपत्र हारेत्ज़ ने फ़रवरी में लिखा था कि यूएई द्वारा इस्राईल से संबंध स्थापित करने के समझौते के आधार पर इस देश की नागरिकता लेना, इस्राईलियों के लिए एक अच्छा अवसर है। पत्र ने लिखा था कि यूएई की नागरिकता से इस्राईलियों को केवल देश में काम करने का ही अवसर नहीं मिलेगा बल्कि उन्हें उन देशों की यात्रा करने की भी सहूलत मिल जाएगी जहां उनके लिए जाना संभव नहीं है। यह बात, व्यापारियों के भेस में मूसाद के जासूसों के इमारात पहुंचने की बहुत बड़ी वजह हो सकती है। वे इमारात के पासपोर्ट से पड़ोसी देशों की आसानी से यात्रा कर सकते हैं और इस पहलू से इन देशों के लिए गंभीर सुरक्षा ख़तरे पैदा हो सकते हैं।
इमारात लीक्स ने लिखा है कि यूएई के अधिकारियों की ओर से नागरिकता प्रदान करने की शर्तों में ढील दिए जाने की वजह से सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त बहस छिड़ी हुई है और सोशल मीडियाकर्मी, इस्राईलियों की ओर से इमारात की नागरिकता के दुरुपयोग की ओर से कड़ी चेतावनी दे रहे हैं। इसके अलावा यूएई के संचार माध्यमों ने भी नागरिकता के क़ानून में परिवर्तन की व्यापक रूप से आलोचना की है क्योंकि उनका कहना है कि इससे यूएई की आबादी का ढांचा भी ख़तरे में पड़ जाएगा। याद रहे कि पिछले साल सितम्बर में यूएई ने इस्राईल से संबंध स्थापना के समझौते पर वाॅशिंग्टन में हस्ताक्षर किए थे और पिछले मंगलवार को अबू धाबी में इस्राईल का पहला दूतावास भी खुल गया है।
सच्चाई यह है कि संयुक्त अरब इमारात की सरकार जिस तरह से ज़ायोनियों को अपने देश की नागरिकता प्रदान कर रही है, उससे न सिर्फ़ यह कि यूएई की सुरक्षा व उसका सामाजिक ढांचा ख़तरे में पड़ जाएगा बल्कि पड़ोसी देशों की सुरक्षा स्थिति भी प्रभावित होगी। हो सकता है कि आगे चल कर यही ज़ायोनी, यूएई पर अपने स्वामित्व का दावा करने लगें और इस देश के अस्ल नागरिकों को निकाल बाहर करें जैसा कि उन्होंने फ़िलिस्तीन में किया है। इमारात के लिए यह ख़तरा इस लिए भी ज़्यादा है कि इस देश की आबादी का अधिक हिस्सा विदेशियों व पलायनकर्ताओं का है और इस देश के मूल निवासियों की संख्या काफ़ी कम है।


Leave a comment

Educations

Sports

Entertainment

Lucknow

Azamgarh