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कारागार मंत्री ने बंदियों को वितरित किए कम्बल, गर्म इनर,हनुमान चालीसा एवं सुन्दरकाण्ड की पुस्तकें

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कारागार एवं होमगार्ड राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  धर्मवीर प्रजापति ने आज लखनऊ जिला जेल में निरूद्ध ऐसे बन्दी जिनसे मिलने उनके परिजन लंबे समय से नहीं आ रहे हैं, उनको कम्बल एवं गर्म इनर वितरित किये। उन्होंने 30 बंदियों को कम्बल एवं 100 बंदियों को गर्म इनर दिया। साथ ही उन्होंने बंदियों को 150 हनुमान चालीसा एवं 150 सुन्दरकाण्ड की पुस्तकें भी वितरित की। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा एवं सुन्दरकाण्ड की पुस्तकें वितरित करने का उद्देश्य आपकों बेवजह की मुकदमों की चर्चा से दूर रखना है। खाली समय में आप अपने पसंद की पुस्तकों को पढ़े, इससे आपकी सोच में परिवर्तन आयेगा और यहां से बाहर निकलने के पश्चात आप क्राइम से दूर रहेंगे।
आपकी एक गलती परिवार को संकट में डाल देती है -
कारागार मंत्री ने कहा कि आप आवेश में छोटी मोटी गलतियॉ कर बैठते हैं जिससे आपको जेलों में आना पड़ जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माता-पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़ लिखकर एक अच्छा नागरिक बने एवं परिवार के भरण-पोषण में अपना योगदान दे। इसके लिए माता-पिता अपनी छोटी-मोटी खुशियों और इच्छाओं पर अंकुश लगाते हुए आपकी पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था करते हैं। लेकिन जेलांें में संवाद के दौरान पता चला कि 40 वर्ष से कम आयु के 80 प्रतिशत युवा जेल में हैं। जिस घर का भविष्य जेल में हो, उस घर की क्या हालत होती होगी, आप स्वयं विचार कर सकते हैं। मॉ बाप की सेवा करने के समय, अपने घर परिवार को समय के साथ आगे ले जाने के समय आप जेलों में हैं, यह अत्यन्त दुखदायी है। आपकी एक गलती पत्नी, भाई, बहन, बेटी, मॉ, बाप सबका सपना एवं कैरियर बर्बाद कर देती है। बेटी की अच्छे घर में रिश्ता नहीं हो पाता।
संकल्प करें कि दोबारा गलती न करें -
कारागार मंत्री ने हाल में मौजूद सभी बंदियों से संकल्प कराया कि आप भविष्य में जेलों से बाहर जाने के पश्चात ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे, जिससे आपको जेलांे में पुनः आना पड़े। उन्होंने कहा कि इतनी ठंड में और खराब मौसम के बावजूद आप लोगों के बीच में उपस्थित हुआ हूॅ, इसमें मेरा क्या स्वार्थ है। इस पर बंदियों ने जवाब दिया कि मा0 मंत्री जी आपमें इंसानियत है और इंसानियत के नाते ही आप हमारे बीच में आये हैं। हम सभी आपको आश्वस्त करते हैं कि दोबारा हम गलती नहीं करेंगे। कारागार मंत्री ने एक सुझाव देते हुए कहा कि जेलांे में पेशेवर कैदी भी रहते हैं। ऐसे अपराधियों से खुद को दूर रखें, क्योंकि वे आपसे छोटे मोटे अपराध की जगह बड़े अपराध करने के लिए प्रलोभन दे सकते हैं।
जेलों में रहते हुए करें हुनर विकसित-
कारागार मंत्री ने संवाद के दौरान बंदियों से कहा कि जेलों में लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों के अंतर्गत बहुत से कार्य होते हैं। साथ ही कौशल विकास के तहत टेªनिंग भी दिये जाने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि जेलों में रहते हुए आप कोई न कोई हुनर अवश्य सीखें जिससे कि जेलों से बाहर जाकर आप खुद का रोजगार शुरू कर सकें और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
कार्यक्रम के दौरान डीआईजी मुख्यालय  ए0के0 सिंह, डीआईजी  सुभाष शाक्य, वरिष्ठ जेल अधीक्षक  आशीष तिवारी, जेलर  राजेन्द्र सिंह,  सुरेश बहादुर,  अजय राय, डिप्टी जेलर  आशुतोष मिश्रा,  वीरेन्द्र विक्रम सिंह,  राम प्रताप प्रजापति,  अजय कुलवंत,  सुधाकर राव गौतम,  निधि यादव,  अंशु,  सुकन्या पराशर उपस्थित रहे।


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