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80 का दशक, रेलवे ठेके, रक्तचरित्र... बाहुबली हरिशंकर तिवारी और माफिया मुख्तार अंसारी का क्या था कनेक्शन

गाजीपुर । माफिया ,गैंग और गैंगवार जैसे शब्द 80 के दशक में पूर्वांचल क्राइम वर्ल्ड में प्रचलित शब्द बन चुके थे। बाहुबली मुख्तार अंसारी के कनेक्शन हरिशंकर तिवारी से बताए जाते हैं। वहीं पुलिस रिकॉर्ड में सीधे तौर पर मुख्तार अंसारी ने हरिशंकर तिवारी के लिए कोई क्राइम नहीं किया। मुख्तार ने जिन लोगों की सरपरस्ती में क्राइम वर्ल्ड में पहचान बनाई थी, उनके मार्फत हरिशंकर तिवारी के सम्पर्क में था।

बताया जाता है कि 80 के दशक में मुख्तार अंसारी सैदपुर के रहने वाले राजेश्वर सिंह और साधु शरण सिंह के संपर्क में आया। राजेश्वर सिंह उर्फ मकनू सिंह,साधू शरण सिंह उर्फ साधू सिंह के संपर्क में रहते हुए उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया।

कैसे सम्पर्क में आया माफिया

राजेश्वर सिंह रेलवे के ठेके आदि को लेकर हरिशंकर तिवारी के संपर्क में थे। कहा जाता है कि मुख्तार, साधू सिंह और मकनू सिंह के जरिए ही हरिशंकर तिवारी के सम्पर्क में था। राजेश्वर सिंह की हत्या 1984 अक्टूबर में हो गई। इसके बाद उनके भाई साधू सिंह की 1989 में लोकसभा चुनावों के ठीक पहले हत्या कर दी गयी थी।

मुख्तार के हाथ में आई गैंग की कमान

इन दोनों की हत्या के बाद गैंग की कमान मुख्तार के हाथ में आ गयी थी, जिसके बाद कहा जाता है कि मुख्तार भी पीडब्ल्यूडी, रेलवे आदि के ठेके के सिलसिले में हरिशंकर तिवारी के सीधे सम्पर्क में था। बताया जाता है कि पीडब्ल्यूडी रियल स्टेट रेलवे की ठेकेदारी कोल माइन्स में व्यवसायिक हस्तक्षेप से मुख्तार ने सालों तक मोटी कमाई की।

योगी सरकार का लगातार माफिया पर शिकंजा

योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रशासन मुख्तार अंसारी के कमाई के जारियों पर एक-एक कर लगातार चोट प्रशासन की ओर से की जा रही है। मुख्तार ने कई संपत्तियों को अपने परिजनों और करीबियों के नाम से खरीद रखा था। ऐसी ही प्रॉपर्टी को पिछले दिनों इनकम टैक्स की लखनऊ यूनिट ने गाजीपुर में सीज किया है।


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