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एक ही युवक से दो सगी बहनों ने रचाई शादी, एक बीएड तो दूसरी 8वीं पास; दूल्हा बोला- दोनों पत्नियों को खुश रखूंगा

टोंक । टोंक जिले में एक युवक की दो लड़कियों से शादी का अनोखा मामला सामने आया है। हरिओम मीणा नामक पढ़े-लिखे युवक का विवाह दो बहनों के साथ कुछ इस तरह से हुआ कि वह सब जगह चर्चा का विषय बन गया है। ख़ास बात यह कि इस विवाह के बाकायदा निमंत्रण पत्र छपे और बंटे भी। साथ ही हरिओम का पूरा परिवार, दोस्त और समाज के लोग इस अनूठे विवाह में शामिल भी हुए।
दरअसल, उनियारा उपखंड के मोरझाला की झोपड़ियां गांव का यह मामला है। यहां रहने वाले हरिओम ने बताया कि परिवार के लोग उसके विवाह के लिए किसी युवती को खोज रहे थे।
 इसी दौरान निवाई उपखंड के सीदड़ा गांव निवासी बाबूलाल मीणा की बड़ी बेटी कांता से रिश्ते की बात चल पड़ी।
इसके बाद युवक का परिवार जब सीदड़ा गया तो युवती कांता ने अपने दिल की बात रखते हुए कहा कि वह अपनी छोटी और मानसिक रूप से कमजोर बहन सुमन से बेहद स्नेह रखती है। 
वह उसी युवक से शादी करेगी जो उन दोनों बहनों से एक साथ विवाह रचाएगा।
अजीब शर्त सुनकर हुए हैरान
हरिओम के अनुसार, एक बार तो वह और उसके परिवारवाले यह शर्त सुनकर हैरान रह गए। लेकिन जब कांता ने कहा कि छोटी बहन सुमन की देखभाल ज़िंदगी भर करना चाहती है तो उन्हें दोनों बहनों के अटूट स्नेह का अहसास हो गया। फिर लड़के के परिवार ने इस विवाह के लिए हामी भर दी।
बांटे गए विवाह निमंत्रण पत्र
बीते 5 मई को संपन्न हुए इस अनूठे विवाह समारोह को हरिओम के परिवार ने पूरे धूमधाम से आयोजित किया। बाकायदा कार्ड छपवाकर बंटवाए गए। वधू के रूप में दोनों बहनों ने विवाह मंडप में हरिओम के साथ अग्नि को साक्षी मान एक साथ सप्तपदी पूरी की। हरिओम की पत्नी बनीं दोनों नवविवाहिताओं का ससुराल आने पर पूरी परंपराओं के साथ गृह प्रवेश करवाया गया और अन्य रस्में पूरी की गईं।

बड़ी बहन कांता है उर्दू से बीएड जबकि सुमन है 8वीं पास
दूल्हे हरिओम ने बताया, वह स्वयं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। जबकि उसकी पत्नी कांता उर्दू से बीएड है। कांता की छोटी बहन यानी हरिओम की दूसरी पत्नी सुमन मानसिक रूप से कमजोर होने चलते सिर्फ 8वीं तक ही पढ़ पाई थी।

'छोटी बहन को नहीं छोड़ सकती थी'
दुल्हन कांता ने बताया कि वह अपनी छोटी बहन सुमन को अपने साथ साए की तरह रखती आई है। ऐसे में वह नहीं चाहती थी कि उसका विवाह कहीं ओर हो, और उसे उपहास का शिकार होना पड़े। लिहाजा, उसने यही सोच रखा था कि वह उसी युवक से विवाह करेगी, जो कि हम दोनों बहनों से एक साथ विवाह करेगा और हरिओम ऐसा करने का राज़ी हो गए। 
हरिओम की पहल को लोग मान रहे एक मिसाल 
हरिओम ने बताया कि जब दोस्तों से इस विवाह को लेकर चर्चा की गई थी तो किसी ने उसे सोच समझकर फैसला लेने की सलाह दी। वहीं, कइयों ने उनका मज़ाक भी उड़ाया। लेकिन अब सभी हरिओम और उनके परिवार के कदम की तारीफ कर रहे हैं।
 नवविवाहित दूल्हे का कहना है कि वह भी पत्नियों को इस तरह रखेगा कि उन्हें कभी किसी तरह का दुख न पहुंचे और दोनों का आपसी स्नेहभाव यूं ही बना रहे।


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