संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान महायज्ञ के छांठवें दिन सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन : अम्बेडकरनगर
अम्बेडकर नगर जिले के तहसील आलापुर क्षेत्र में संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान महायज्ञ के छांठवें दिन सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया गया। इसमें भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती ने दुनिया को यह संदेश दिया कि राजा हो या रंक दोस्ती में सब बराबर होते हैं।कथा के छांठवें दिन श्रोताओं की खूब भीड़ उमड़ी।आलापुर तहसील क्षेत्र के सरयू नगर बाजार के निकट कियामपुर ग्रामसभा में माता भगवती के मन्दिर पर चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान महायज्ञ कथा के छाठवें दिन बालकदास श्रीधाम अयोध्या के भागवताचार्य अवधबिहारी दास जी महाराज ने कहा कि कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता आज कहां है। द्वारपाल के मुख से पूछत दीनदयाल के धाम, बतावत आपन नाम सुदामा सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने राजमहल के द्वार पर पहुंच गए। यह सब देख वहां लोग यह समझ ही नहीं पाए कि आखिर सुदामा में ऐसा क्या है जो भगवान दौड़े दौड़े चले आए। बचपन के मित्र को गले लगाकर भगवान श्रीकृष्ण उन्हें राजमहल के अंदर ले गए और अपने सिंहासन पर बैठाकर स्वयं अपने हाथों से उनके पांव पखारे। कहा कि सुदामा से भगवान ने मित्रता का धर्म निभाया और दुनिया के सामने यह संदेश दिया कि जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। राजा हो या रंक मित्रता में सभी समान हैं और इसमें कोई भेदभाव नहीं होता। कथावाचक ने सुदामा चरित्र का भावपूर्ण सरल शब्दों में वर्णन किया कि उपस्थित लोग भाव विभोर हो गए। इस मौके पर आचार्य दुर्गा प्रसाद तिवारी,पं.विश्वनाथ शास्त्री,निखिल पाण्डेय,आचार्य अतुल पाण्डेय,मुन्ना टबला मास्टर,जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी जहाँगीर गंज मध्य से श्रीकान्त कन्नौजिया,सुनील पाण्डेय,मण्डल उपाध्यक्ष अंगद उपाध्याय,कौशद्र तिवारी,जितेंद्र मोहन मिश्र,जितेंद्र उपाध्याय,प्रत्यूष कुमार त्रिपाठी,सुनील तिवारी उर्फ माण्डले तिवारी,चंद्रशेखर यादव,श्रीराम वर्मा,राम ललित वर्मा,पतिराज यादव,लक्षीराम वर्मा,सीताराम वर्मा,लाल विहारी उर्फ विशाल वर्मा,विजेंद्र वर्मा,विनोद यादव,उदयभान यादव,निक्कू वर्मा,प्रमोद वर्मा,वंशराज यादव,गोविन्द वर्मा,इंद्रमणि वर्मा,राजेश्वर उर्फ लोहा,आचार्य धीरेंद्र पाण्डेय,आचार्य बागीश तिवारी सहित हजारों लोग व क्षेत्रीय ग्राम वासी कथा में मौजूद रहे।
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