नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ का अवधूत उग्रचण्डेश्वर कपाली बाबा ने किया समापन
कादीपुर सुलतानपुर : शतचंडी महायज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म माना जाता है। यह यज्ञ अर्थ काम मोक्ष कर्म चारों पुरुषार्थों को सिद्ध करता है। प्राणी मात्र को नई ऊर्जा शक्ति, स्वास्थ्य, धन वैभव व संपदा अर्जित करने का उपाय है शतचंडी महायज्ञ।
उपरोक्त बातें अघोर पीठ बाबा सत्यनाथ मठ के पीठाधीश्वर अवधूत उग्रचण्डेश्वर कपाली बाबा ने कादीपुर शाहगंज रोड स्थित रानीपुर कायस्थ गांव में शतचंडी महायज्ञ के समापन अवसर पर कहा। शतचंडी महायज्ञ के समापन दिवस पर भक्तों ने हवन पूजन कर पूर्णाहुति किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के संरक्षक अवधूत उग्रचण्डेश्वर कपाली बाबा ने मां भगवती की विशेष पूजा करते हुए समापन अवसर पर मां दुर्गा के स्वरूप कन्याओं का पूरे विधि विधान पूर्वक पूजन किया। कार्यक्रम समापन के अवसर पर विजय गिरी,डब्बू सिंह,वेद प्रकाश पाठक,रामू बोलबम, रमेश मोदनवाल, समर बहादुर सिंह एडवोकेट, किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य काजल किन्नर सहित सैकड़ों लोग मौजूद रह भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। शतचंडी महायज्ञ पंडित अनुज शुक्ला आचार्य के साथ आए विद्वानों ने चंडी महायज्ञ का विधिवत मंत्रोच्चार करते हुए समापन किया।
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