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स्वाधीनता का 75 वाँ अमृत महोत्सव कार्यक्रम का हुआ आयोजन : जौनपुर


खुटहन जौनपुर 19 नवंबर खुटहन- अमृत महोत्सव आयोजन समिति खुटहन द्वारा स्वाधीनता का 75 वां अमृत महोत्सव कार्यक्रम सीताराम सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज त्रिकौलिया में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नरसिंह बहादुर सिंह, ब्रह्मानंद ओझा तथा अवधेश कुमार ने संयुक्त रुप से भारत माता की चित्र के समक्ष पूजा अर्चना व दीप प्रज्वलन के साथ किया। बतौर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अवधेश कुमार ने कहा कि हमारे देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए हैं किंतु हमारा स्वयं का कोई तंत्र नहीं है। समाज के लोगों ने मिलकर तय किया कि महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म दिवस से विजय दिवस तक अर्थात 19 नवंबर से विजय दिवस 16 दिसंबर तक अमृत महोत्सव कार्यक्रम मनाना चाहिए क्योंकि सन 1971 में भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण किया था। इसके लिए अमृत महोत्सव समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा गांव गांव जाकर गांव के अंतिम व्यक्ति तक जन जागरण करके लोगों के अंदर चेतना जागृत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस जन-जागरण से हमारी ऐसी नई पीढ़ियां जो आज भी देश की आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में नहीं जानती इससे उन्हें जानकारी प्राप्त होगी। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक नरसिंह बहादुर सिंह ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी इतिहास में केवल गिने-चुने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम शामिल हैं किंतु इनके अलावा लाखों लोग देश को आजादी दिलाने में अपना बलिदान कर दिया तथा सर्वस्व निछावर कर दिया सरकार को ऐसे महापुरुषों के नाम को भी इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में करना चाहिए ताकि हमारी आगे की पीढ़ियां उनके योगदानों को कदापि न भूल सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खामियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कमी होने के कारण ही हमारे देश के लाखों बलिदानियों को इतिहास के पन्नों में अंकित करने से वंचित किया गया जो यह साबित करता है कि उनको दरकिनार किया गया और उन्हें अपमानित किया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे देश की महान शख्सियत व लौह पुरुष को अंग्रेजों की चाटुकारिता ना करने के कारण उनको अधिक महत्व नहीं दिया गया किंतु अब उनको महत्व दिया जाने लगा है । अंग्रेजों की चापलूसी करने वाले गिने-चुने लोगों को ही इतिहास में रखा गया किंतु क्षेत्रीय नायकों व स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को हाशिए पर रखा गया ।उन्होंने संगठन द्वारा चलाए जा रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य आयोजक को धन्यवाद दिया तथा आए हुए आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया। प्रहलाद यादव ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रारंभिक स्थिति पर चर्चा किया। उन्होंने अमृत महोत्सव समिति द्वारा जन जन तक स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम की प्रशंसा की ।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्रह्मानंद ओझा ने कहा कि भारत पूरे विश्व में विश्वगुरु रहा है क्योंकि शिक्षा,धर्म,अध्यात्म, दर्शन ,ज्योतिष, कला, विज्ञान, धातु विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के माध्यम से हमारे देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदानों की गाथा जन जन तक पहुंचे। उन्होंने लव जेहाद, धर्मांतरण आदि को भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का सबसे बड़ा कारक बताया। कार्यक्रम का संचालन नरसिंह बहादुर सिंह ने किया। मौके पर दिनेश कुमार सिंह (धुरेन्धर), कृष्णा सिंह मंडल अध्यक्ष भाजपा, राम कृपाल सिंह राष्ट्रीय संपर्क अभियान खुटहन मंडल, इंद्रजीत वर्मा पूर्व प्रधानाचार्य रेहारी इंटर कॉलेज, विपिन सिंह प्रधानाचार्य सीताराम सिंह इंटर कॉलेज त्रिकौलिया, अजय सिंह, कमलेश यादव ,सुरेंद्र बहादुर सिंह, राजेश गुप्ता ,गुलाब गुप्ता, नीरज गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।


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