मंदिर में घुसने से पहले भक्त लटकी हुई घण्टियों को क्यों बजाता है। आइये आज हम इसी बारे में आपको....
न्यूज डेस्क ... अक्सर आपने देखा होगा कि किसी भी मंदिर के दरवाजे पर कई सारी घंटियां लटक रही होती हैं. कोई भी भक्त मंदिर में घुसने से पहले इन घंटियों को बजाता है, तभी अंदर प्रवेश करता है. क्या आपने क भी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? क्या आपने सोचा है कि हर मंदिर में घुसने से पहले घंटी बजाने के बाद ही लोग मंदिर में प्रवेश क्यों करते हैं?
क्या आप जानते हैं कि मंदिर में आखिर घंटी क्यों लगाई जाती हैं? आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंदिर में घंटी लगाने की वजह बेहद ही खास है. जब भी कोई भक्त मंदिर में सुबह-शाम पूजा करने आता है तब वह घंटियां बजाता है. मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत हो जाती है.
माना जाता है कि ऐसा करने से भक्त द्वारा की गई पूजा अधिक फलदायक हो जाती है. पुराणों में बताया गया है कि मंदिर में घंटी बजाने से इंसान के कई जन्मों के पाप स्वत: नष्ट हो जाते हैं. जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ, तब जो आवाज गूंजी थी, वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है. इस कारण मंदिर में प्रवेश से पहले घंटी बजाई जाती है. मंदिर के बाहर लगी घंटी को काल का प्रतीक भी माना जाता है. संत-महात्माओं का कहना है कि जब धरती पर प्रलय आएगा, तब भी घंटी बजाने जैसा ही नाद सुनाई देगा. इसके अलावा मंदिर में घंटी बजाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि घंटी बजाने से वातावरण में कंपन पैदा होता है. यह वायुमंडल के कारण काफी दूर तक जाता है.
घंटी बजाने के बाद पैदा हुए कंपन की सीमा में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं. इससे मंदिर तथा उसके आसपास का वातावरण बिल्कुल शुद्ध हो जाता है. माना जाता है कि घंटी बजने की जहां रोजाना आवाज आती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र रहता है. घंटी बजाने से नकारात्मक शक्तियां भी खत्म हो जाती है तथा इंसान की जिंदगी में सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं ।।
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