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आजाद जी व तिलक जी सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता


आजमगढ़/ ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के तत्वावधान में शुक्रवार को तिलक एवं आजाद जयंती मनाई गयी।
प्रातः 8 बजे हर्रा की चुंगी स्थित पण्डित चंद्र शेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया एवं शाम 3 बजे पाण्डेय बाजार स्थित सनातन धर्म संस्कृत कालेज में लोक मान्य बाल गंगाधर तिलक एवं चन्द्र शेखर आजाद जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर दोनों महान विभूतियों व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गयी ।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ने कहा कि तिलक जी सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे ।उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया ।
इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिवाकर तिवारी ने कहा कि महान क्रांतिकारी पण्डित चन्द्र शेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 में मध्य प्रदेश के झाबुआ जनपद के भावरा ग्राम में हुआ था ।इनके पिता का नाम सीता राम तिवारी एवं माता का नाम जगरानी देवी था ।काकोरी ट्रेन लूट काण्ड एवं साण्डर्स की हत्या में प्रमुख भूमिका का निर्वाह के कारण चन्द्र शेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
इस अवसर पर ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि तिलक जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे ।उन्होंने एक आदर्श शिक्षक,सफल पत्रकार,दूरदर्शी राजनेता, तथा महान समाज सुधारक के रूप में इस देश की महान सेवा किया ।तिलक जी को स्वदेशी आंदोलन का सच्चा जन्मदाता कहा जा सकता है।
इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिवाकर तिवारी ने तिलक जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि तिलक जी का जन्म1856 में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जनपदके चिरवली गांव में हुआ था ।उनके पिता का नाम गंगाधर राव तथा माता का नाम पार्वती बाई एवं पत्नी का तापी बाई था ।तिलक जी ने इस देश की जनता के मन मे विश्वास पैदा किया कि कर्म का राष्ट्रीय फल स्वराज्य है ।
इस अवसर पर वरिष्ठ कार्य कारिणी सदस्य गिरीश चतुर्वेदी ने कहा कि स्व राज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है इसे मैं लेकर रहूँगा तिलक जी के नारे ने स्वाधीनता की लड़ाई को अन्तिम लक्ष्य तक पहुँचाया।
इस दौरान उपाध्यक्ष आनन्द उपाध्याय ने ब्राह्मण समाज को सामाजिक कार्य करने का सुझाव दिया ।
कार्यक्रम के दौरान मानस प्रवक्ता बाल गोविन्द शास्त्री ने कहा कि ब्राह्मणों ने हमेशा समाज को जोड़ने का कार्य किया एवं संस्कृति एवं संस्कृत की सदैव रक्षा किया ।
अध्यक्षता ब्रजेश नन्दन पाण्डेय एवं संचालन महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने किया ।
    इस दौरान के दौरान राधे श्याम मिश्र ,सतीश मिश्र,,आनन्द उपाध्याय,गिरिजा सुवन पाण्डेय,रामाश्रय उपाध्याय,राम कवल चतुर्वेदी,कृष्ण कुमार पाण्डेय, विष्णु दत्त मिश्रा, जागर नाथ पाण्डेय,डॉ राज कुमार पाण्डेय, दिनेश पाण्डेय,आनन्द मणि चतुर्वेदी,आदि उपास्थि थे ।


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