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कोरोना के बढ़ते प्रकोप में 50 लोग शादी समारोह में तथा20 लोगों की उपस्थिति अंतिम संस्कार के कार्यक्रमों में : जिलाधिकारी आज़मगढ़

आजमगढ़ जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने कहा कि कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। उन्होने कहा कि हाल ही में कोविड-19 से संक्रमण के पाजिटिव मामलों में उच्चदर के साथ तीव्र वृद्धि परिलक्षित हो रही है। उक्त शासनादेश द्वारा प्रकरणों में अभूतपूर्व वृद्धि/लहर को ध्यान में रखते हुये लहर प्रभावित क्षेत्रों में कड़े कोविड प्रबंधन एवं नियंत्रण उपायों को लागू किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होने कहा कि इसके आलोक में जनपद की वर्तमान परिस्थितियों का आकलन करते हुये जनपद मे व्यक्तिगत क्रियाएँ जैसे मास्क पहनना, दूसरों से 6 फीट की दूरी बनाये रखना, अपने हाथों को समय-समय पर सेनिटाइज करना और किसी भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में शामिल न होना। इसका शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु कार्यवाही सुनिश्चत करायी जाय। वायरस को नियंत्रित करने हेतु जन स्वास्थ्य उपाय ऐसे व्यक्ति जिनके पाजिटिव होने का संदेह है तथा कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति, स्वॉस सम्बंधी समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति तथा फ्लू जैसे लक्षणयुक्त व्यक्तियों का परीक्षण कर क्वारंटाइन किया जायेगा ताकि वे संक्रमण फैलाने में सहायक न हों। समस्त कोविड -19 के पुष्ट मरीजों तथा उनके सम्पर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों को आइसोलेट/क्वारंटाइन किया जायेगा तथा इनका परीक्षण किया जायेगा। वर्तमान में जनपद में कोविड संक्रमण से पाजिटिव होने की दर 10 प्रतिशत से अधिक होने के कारण ऐसे स्थान जहाँ एक समूह के रूप में कोविड-19 संक्रमण के मामलों की पुष्टि हो ऐसे स्थानों पर एक निश्चित सीमा तथा कड़े नियंत्रण को ध्यान में रखते हुये कन्टेनमेंट जोन का निर्माण किया जायेगा। बड़े भौगोलिक क्षेत्र जैसे कि शहर/कस्बा/कस्बों के हिस्से/जिला मुख्यालय/ अर्द्ध नगरीय इलाकों/नगर पालिका वार्ड पंचायत क्षेत्र आदि को कन्टेनमेंट जोन बनाया जायेगा। या जिला जहाँ संक्रमण के प्रकरण बहुत अधिक हैं और तेजी से बढ़ रहे हैं, उन्हे भौतिक रूप से कन्टेन किया जायेगा। ऐसी जगहों में सार्वजनिक परिवहन की अनुमति होगी।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि गहन कार्यवाही और स्थानीय नियंत्रण के लिये चिन्हित क्षेत्रों में कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी, जिसमें रात्रिकालीन कर्फ्यू जनपद में लागू किया गया है। कर्फ्यू के दौरान व्यक्तियों के आवागमन को, सिवाय आवश्यक क्रियाओं के, सख्ती से प्रतिबंधित किया जायेगा। इस सम्बंध में द0प्र0सं0 की धारा 144 के अंतर्गत पूर्व से जारी निषेधाज्ञा का अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। व्यक्तियों का समूह के रूप में एकत्रित होना कोविड-19 संक्रमण के प्रसार का एकमात्र माध्यम है, इसे प्रतिबंधित करते हुये वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जायेगा। शादी समारोह में 50 व्यक्तियों तथा दाह संस्कार/अंतिम क्रिया में 20 व्यक्तियों की उपस्थिति ही अनुमन्य होगी। समस्त शापिंग काम्प्लेक्स, रेस्टोरंट एवं बार, खेल काम्प्लेक्स, जिम, स्पा, स्वीमिंग पूल और धार्मिक स्थान बंद रहेंगे। आवश्यक सेवायें एवं गतिविधियों जैसे स्वास्थ्य सेवायें, पुलिस, अग्नि, बैंक, विद्युत, जल एवं सिंचाई, आम परिवहन के निर्धारित संचालन आदि को जारी रखा जायेगा। इस प्रकार की सेवायें सरकारी एवं निजी दोनो क्षेत्रों में लागू रहेंगी। सार्वजनिक परिवहन बसें, कैब, आटो आदि अपनी अधिकतम 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होगी। आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ अन्तर्राज्यीय एवं अन्तःराज्यीय परिवहन पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं होगा। समस्त कार्यालय सरकारी एवं निजी दोनों अपने अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ कार्य करेंगे। समस्त औद्योगिक एवं वैज्ञानिक प्रतिष्ठान सरकारी एवं निजी दोनों अपने कार्यबल के साथ भौतिक दूरी मानदण्डों का अनुपालन करते हुये कार्य करेंगे। साथ ही उनका समय-समय पर रैपिड एण्टीजन टेस्ट के माध्यम से परीक्षण कराया जायेगा (ऐसी स्थिति में जग कोई व्यक्ति फ्लू के लक्षणों के साथ चिन्हित किया जाय)।
उपर्युक्त प्रतिबंध अगले 14 दिन तक लागू रहेंगे। सामुदायिक स्वयंसेवक, नागरिक समाज संगठन, पूर्व सैनिक तथा स्थानीय एनवाईके/एनएसएस केन्द्रों आदि को कन्टेनमेंट कार्यवाही के सतत प्रबंधन के लिये शामिल किया जायेगा। साथ ही लोगों को व्यवहार परिवर्तन एवं टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। कोविड -19 के प्रबंधन के लिये कोविड के उपयुक्त व्यवहार तथा टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण की रणनीति जनपद में जारी रहेगी। पर्याप्त संख्या में गठित टीमों द्वारा अधिक से अधिक परीक्षण एवं डोर-टू-डोर सर्विलांस का सुनिश्चित किया जायेगा। इन्फ्लूएंजा जैसी बिमारियों एवं गम्भीर श्वॉस सम्बंधी इन्फेक्सन के मामलों में क्लीनिकल टेस्टिंग हेतु योजना बनाकर रैपिड एण्टीजन टेस्ट के माध्यम से परीक्षण किये जायेंगे। इनमें कोविड-19 संक्रमण के लिये निगेटिव पाये गये व्यक्ति जिनमें समस्त लक्षण मौजूद हैं, उनका पुनः परीक्षण आरटी-पीसीआर के माध्यम से किया जायेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के वर्तमान मामलों एवं अगले 01 माह में सम्भावित मामलों के सम्बंध में विश्लेषण करते हुये हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता का आकलन कर लिया जाय तथा आकलन के अनुरूप पर्याप्त आक्सीजन युक्त बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु तत्काल कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाय। पूर्व में संचालित क्वारंटीन सुविधाओं को भी पुनः क्रियाशील कराया जाय। होम आइसोलेशन प्रोटोकाल के मानक पूर्ण करने वाले व्यक्ति को ही होम आइसोलेशन की अनुमति प्रदान की जाय तथा इण्टीग्रटेड कोविड कमाण्ड सेंटर द्वारा इनका सतत अनुश्रवण किया जायेगा एवं निगरानी टीम द्वारा ऐसे घरों का नियमित रूप से भ्रमण सुनिश्चित किया जायेगा। होम आइसोलेशन में प्रत्येक मरीज हेतु कस्टमाइज्ड किट की व्यवस्था की जायेगी जिसमें “क्या करें क्या न करें’’ की भी जानकारी सम्मिलित की जायेगी, जिसका मरीजों द्वारा अनुपालन किया जायेगा। भर्ती मामलों में आक्सीजन थिरेपी के लिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करते हुये आक्सीजन का तर्कसंगत इस्तेमाल सुनिश्चित किया जायेगा। अन्वेषी दवाओं (रेमडेसिवीर/टासिलीजुमाब आदि) के प्रयोग में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नैदानिक प्रबंध प्रोटोकाल/एडवाइजरी का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। अस्पतालों/क्वारंटाइन फेसिलिटी में भर्ती मरीजों एवं मृत्यु के मामलों का प्रतिदिन विश्लेषण का किया जा रहा है।
उन्होने निर्देश दिया कि मौजूदा टीकाकरण केन्द्रों की अधिकतम क्षमता का प्रयोग करते हुये पात्र आयु समूह के शत प्रतिशत व्यक्तियों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाय। भ्रामक सूचनायें व डर फैलने से बचने के लिये आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। बीमारी के प्रारम्भिक चेतावनी संकेतों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय, ताकि लोग स्वयं जांच कराने के लिये आगे आयें और समय रहते संक्रमितों की पहचान की जा सके। इससे होम आइसोलेशन में सम्भावित मौतों को रोका जा सकेगा। उन्होने कहा कि अस्पतालों में उपलब्ध बेड की सूचना प्रतिदिन प्रसारित की जाय तथा आक्सीजन, दवा, टीकाकरण एवं टीकाकरण केन्द्र के विवरण के साथ-साथ रेमडेसिवीर/टासिलीजुमाब के उपयोग हेतु गाइडलाइन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय ताकि समुदाय में विश्वास की भावना जागृत हो।


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