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जिंदा को सरकारी रिकार्ड में मृतक घोषित,खुद को जिन्दा करने के लिए अधिकारियों का चक्कर लगा रहा ‘मृतक’,

•पीड़ित वयोवृद्ध ने तहसीलदार को शिकायती पत्र सौंपकर लगाई न्याय की गुहार
आजमगढ़। भले ही लालबिहारी मृतक के ऊपर फिल्माई गई कागज फिल्म पर्दे पर रिलीज होकर सिनेमा घर से कब का निकल चुकी हो लेकिन आज भी राजस्व विभाग के कारस्तानी का ट्रेलर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। आजमगढ़ के सठियांव के आबाडी गांव निवासी जीवित वयोवृद्ध को कागजी मृतक बताकर उन्हें उनके ही भूमि के मालिकाना हक से वंचित कर दिया गया है। इन आरोपों के बाद राजस्व विभाग की कारस्तानी पर सवालिया निशान उठा है। पीड़ित वयोवृद्ध तहसीलदार से मिलकर अपने जीवित होने का दावा कर रहा है वहीं दस्तावेजों में उसे मृत दर्शाने वाले ’साहेब’ मौन साधे हुए है। तहसीलदार ने मामले को सुनकर जांच का आश्वासन दिया है। तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में जनपद के तहसील सदर के आबाडी गांव निवासी वयोवृद्ध रामबचन पुत्र लहजू ने बताया कि उसकी तहसील सदर के अंतर्गत अबाडी व बिहरोजपुर गांव में आराजी नंबर 1281, 1282, 1283, 1285, 1408 भूमि है। पीड़ित का नाम अभिलेखों में दर्ज था|

 लेकिन 04.02.2022 के खतौनी में विवरण अंकित हुआ कि 1429फ आदेशानुसार राजस्व निरीक्षक सठियांव वाद संख्या 20201519100966000771/12.01.2021 को आदेश हुआ कि खाता नंबर 436, 299, 298 से मृतक रामबचन के स्थान पर पुष्पा पत्नी रामबचन व अरविन्द, प्रदीप व सुरेंद्र व देवेंद्र पुत्रगण रामबचन का नाम बतौर वारिश दर्ज हो। पीड़ित का कहना है कि मुझे अभिलेखों में जीवित होते हुए भी मृतक दर्शा दिया गया है। तहसीलदार ने मामले को सुनने के बाद शीध्र ही जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन दिया है। बताते चले कि इसके पूर्व में लालबिहारी मृतक सहित कईयों के साथ ऐसा ही मामला सामने आ चुका है, पूरे प्रकरण में कागज नाम की फिल्म भी बन चुकी है। 

इसके बावजूद राजस्व विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा हैं। अब देखना है कि वयोवृद्ध को कब तक न्याय मिल पाता है। इस मामले की चर्चा जोरों पर है।


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