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भारत का संविधान/हक/अधिकार, न्याय और जानकारी की पाठ

भारत का संविधान:भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार किसी के साथ गाली गलौज करना एक दंडनीय अपराध है।

अगर कोई भी व्यक्ति आप लोगों के ऊपर अटैक करता है। तो आप लोगों को पूरा हक है। कि आप अपना सेल्फ डिफेंस Use कर सकते हैं। Section 97 के अकॉर्डिंग अगर कोई आपको मारने के लिए आप के घर आता है। तो आप अपना डिफेंस Use कर उसे जवाब दे सकते हैं। बस आपको जान से नहीं मारना है। शरीर और संपत्ति की निजी रक्षा का अधिकार प्रदान करने के लिए कानून निर्माताओं द्वारा भारतीय दंड संहिता के तहत इस धारा को शामिल किया गया है।

लड़कियों को 14 सेकंड से अधिक घूरने पर जा सकते हो जेल अब 14 सेकंड तक लड़कियों को घूरना भी अपराध की श्रेणी में आ गया है। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 354 सी के तहत सजा का Decision है। आरोप सिद्ध होने पर व्यक्ति को पहली बार में एक साल से तीन साल तक की जेल हो सकती है। लेकिन लड़कियों के पास इसका प्रूफ होना चाहिए। > यह शेयर करें अपने उन दोस्तों के पास जो लड़कियों को घूरते रहते हैं।

अगर किसी को पैसा उधार दिए थे। और वह भी कैश में और उसका कोई Proof भी नहीं बनाया वे पैसा वापस लेने के टाइम यह डर है। कि पैसे वापस मिलेंगे या नहीं तो सबसे पहले यह करना है। आपको आप एक इलेक्ट्रॉनिक Proof बना लो प्रूफ बनाने के लिए आप अपने मोबाइल से उस व्यक्ति के पास मैसेज भेजें जिसने उधर लिया है। कि भैया हमने आपको इस डेट को इतने पैसे उधार दिए थे। अब वह मुझे पैसे वापस चाहिए। अगर वह व्यक्ति आपको Reply किया की मैं आपको पैसा अगले साल दूंगा या कल या परसों दूंगा। तो आप उस मैसेज को Save कर लें या Screenshot रख ले और उस आधार पर उस व्यक्ति को आप एक लीगल नोटिस भी भिजवा सकते हो अपने पैसे की वापसी के लिए उस Electronic एविडेंस के आधार पर अगर वह लीगल नोटिस के बाद भी ना दे। पैसे तो आप कोर्ट में भी केस डाल सकते हो और अपने पैसे वापस ले सकते हो। शेयर करें उसके पास जिसने आपसे पैसे उधार लिए हो।

अगर आप किसी शादी समारोह में बिन

बुलाए शामिल होते हैं। तो यह एक तरह

का अपराध है। जिसमें धारा 442 और

452 के तहत 2 साल तक जेल की सजा

दी जा सकती है। यह वीडियो अपने उन

दोस्तों को जरूर भेजें जो बिना बुलाए

किसी भी शादी में चले जाते हैं।

कोई भी ट्रैफिक पुलिस वाला आपकी गाड़ी, कार

या ट्रक की चाबी नहीं निकल सकता. सुप्रीम कोर्ट

के आदेश के मुताबिक, मोटर व्हीकल एक्ट न

किसी भी ट्रैफिक पुलिस वाले को ऐसा कोई भी

अधिकार नहीं देता है। और कोई भी ट्रैफिक पुलिस

वाला आप का ₹100 रुपए से अधिक का चलन

नहीं काट सकता। ₹100 रुपए से अधिक का

जुर्माना सिर्फ एक ASI या SI रैंक का पुलिस वाला

ही कर सकता है। क्योंकि ASI, SI और इंस्पेक्टर

को स्पॉट फाइन करने का अधिकार होता है।

क्या हम पुलिस स्टेशन में वीडियो बना सकते हैं। जी हां कोई भी पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मचारी आप से बदतमीजी करें तो सीधा वीडियो बना लो वीडियो बनाने से कोई रोक नहीं सकता कोई भी पुलिस स्टेशन इंडियन SECRET ACT के तहत नही आता तो आप वीडियो बना सकते हैं। अगर कोई भी पुलिस कर्मचारी आपसे बदतमीजी करें तो आप वीडियो बना सकते हैं। अगर मोबाइल छीन कर वीडियो को Delete कर देते हैं। तो IPC 201 के तहत एविडेंस मिटाने की आवेज में उसे 7 साल की जेल है। और अगर पुलिस वाले ने उस व्यक्ति को मारा तो 166 Involve होगा। पावर का गलत उपयोग करने पर एक साल की जेल और सस्पेंड भी हो सकता है। थप्पड़ थप्पड़ मारने पर 323 लगेगी। अगर थप्पड़ मारने से उस व्यक्ति के कान के पर्दे पर इफेक्ट आएगा तो Grievous Hurt Under के तहत IPC 325 के तहत उसे 7 साल की जेल है।

Government ने एक Application लॉन्च किया है। जिसका नाम 112 India है। कोई भी Emergency हो आपको Police से सम्बंधित Medical से सम्बंधित Fire से सम्बंधित तो उसमें एक बटन दिया है। अगर मेडिकल से सम्बंधित है। तो मेडिकल बटन पर दबाऐ अगर फायर से सम्बंधित है। तो फायर बटन पर दबाऐ अगर पुलिस से सम्बंधित है। तो पुलिस वाले बटन दबाऐ For Example कोई भी स्त्री या पुरुष है। जो रात को घूम रहा है। और उसके साथ कुछ गलत होने वाला है। और किसी भी अन्य व्यक्ति को पता चल जाता है। कि उसके साथ कुछ गलत होने वाला है। तो वह पुलिस वाले ऑप्शन पर क्लिक कर दिया तो उसके बाद पुलिस वाले उसके फोन पर कॉल पर कॉल करेंगे अगर फोन ना उठाएं तो पुलिस वाले उसका लोकेशन ट्रैक कर लेंगे उसके बाद कुछ ही मिनट में पुलिस वहां पर पहुंच जाएगी।

कृपया इस ऐप को मजाक के लिए Use ना करें।

यह 4 नबर अपने फोन में अभी Save कर ले कभी किसी से डरने की जरूरत नहीं पड़ेगी कभी किसी मुसीबत में नहीं पढ़ोगे Number 1. अगर कोई आपको मैसेज या कॉल पर धमकी या गाली दे या फिर आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड करें तो आप उसकी कंप्लेन 1930 पर कर सकते हैं। यह साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है। Number 2. अगर कोई दुकानदार, कंपनी या कॉलेज आपके साथ पैसे को लेके फीस को लेके या सैलरी को लेके आपके साथ कुछ गलत करते हैं। तो 1950 पर कॉल कर सकते हैं। यह कंज्यूमर हेल्पलाइन का नंबर है। Number 3. अगर किसी का रोड पर एक्सीडेंट हो जाए तो 1073 रोड एक्सीडेंट इमरजेंसी सर्विस पर कॉल करें । Number 4. अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी आप से रिश्वत मांगता है। तो उसकी कंप्लेंट 1064 पर कर सकते हैं।

भारत

अगर कोई भी महिला ऐसी स्थिति में है। कि चलती ट्रेन में उनके साथ कोई छेड़खानी, बदतमीजी कर रहा हो तो आप बिना देरी करें इंडियन रेलवे की वुमेन सेफ्टी नंबर 182 पर कॉल कर सकती हैं।

अगर कोई आपको मैसेज या कॉल पर धमकी या गाली दे या फिर आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड करें तो आप उसकी कंप्लेन 1930 पर कर सकते हैं। यह साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है।

ट्रैवलिंग या अगर राह चलते वॉशरूम जाने की हो जरूरत तो Indian Sarais Act 1867 में बने कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी समय किसी भी होटल या रेस्टोरेंट के वॉशरूम का इस्तेमाल बिलकुल मुफ्त में कर सकता है। यह Act प्यास लगने की स्थिति में भी लागू होता है। अगर किसी भी बड़े होटल का मालिक या कर्मचारी आपको वॉशरूम यूज करने से रोकता है। या फिर पानी देने से इंकार करता है। तो आप उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं. होटल या रेस्टोरेंट मालिक के खिलाफ शिकायत कराने के बाद उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. इस स्थिति में  होटल का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

अगर कोई भी कोटेदार आपको काम राशन देता है। या देने से मना करता है। तो इस सरकारी वेबसाइट https://nfsa.gov.in/ पर हेल्पलाइन नंबरों की लिस्ट दी गई है। यहां से आप अपने राज्य का हेल्पलाइन नंबर निकाल सकते हैं। और इन नंबरों पर कॉल करके गड़बड़ी की शिकायत कर सकते हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित डीलर की जांच की जाएगी। जांच सही होने पर उसका लाइसेंस भी Cancelled हो जाएगा और उसके ऊपर Penalty भी लग सकती है।

भारतीय संविधान 1949 के अनुच्छेद 51-A (H) के तहत सभी को अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ लिखने और बोलने का अधिकार है

भारतीय संविधान अनुच्छेद IPC Section 379 के तहत यदि कोई व्यक्ति चोरी करने का दोषी पाया जाता है तो उसे अदालत द्वारा 3 वर्ष तक की कैद व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

IPC की धारा 97 में यदि किसी व्यक्ति पर

अचानक जानलेवा हमला होता है तो वह

अपने बचाव में हमला करने वाले अपराधी

को मार भी सकता है या उसे बचाव के

दौरान चोट पहुँचा सकता है। ऐसा करने

के लिए उस व्यक्ति को यह साबित करना

होगा की उसने यह सब अपने बचाव में

किया है।

भारतीयों

IPC की धारा 376 में रेप के लिए सजा का प्रावधान किया गया है. अपराधी को दोषी पाए जाने पर 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जाता है.

संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषा शामिल हैं:

(1) असमिया (2) बंगाली (3) गुजराती (4) हिंदी (5) कन्नड (6) कश्मीरी (7) कोंकणी (8) मलयालम (9) मणिपुरी (10) मराठी (11) नेपाली (12) उड़िया (13) पंजाबी (14) संस्कृत (15) सिंधी (16) तमिल (17) तेलुगू (18) उर्दू (19) बोडो (20) डोगरी (21) मैथिली (22) संथाली

संविधान की आठवीं अनुसूची में निम्नलिखित 22 भाषा शामिल हैं:

(1) असमिया (2) बंगाली (3) गुजराती (4) हिंदी (5) कन्नड (6) कश्मीरी (7) कोंकणी (8) मलयालम (9) मणिपुरी (10) मराठी (11) नेपाली (12) उड़िया (13) पंजाबी (14) संस्कृत (15) सिंधी (16) तमिल (17) तेलुगू (18) उर्दू (19) बोडो (20) डोगरी (21) मैथिली (22) संथाली

भारतीय संविधान में निम्नलिखित मौलिक अधिकार दिये गये हैं। समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के खिलाफ अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार, संवैधानिक उपचार का अधिकार

संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देश के हर नागरिक को हो, इसलिए इस दिन को मनाया जाता है

IT Act अधिनियम की धारा 66 (A) के तहत कंप्यूटर या किसी अन्य तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल कर आपत्तिजनक जानकारी या सामग्री भेजना दंडनीय अपराध माना गया था. इसके तहत ऐसा करने वाले व्यक्ति को 3 साल तक की जेल और जुर्माना भी हो सकता है.

यदि कोई व्यक्ति बाबा साहेब अम्बेडकर के बारे में सोशल मीडिया जैसे Facebook WhatsApp Twitter इत्यादि पर अपशब्द कहता है तो उस पोस्ट का प्रिंट लेकर नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर *"IT Act Section 66.153 (A), 295

IPC"* के तहत उस पर FIR दर्ज की जा सकती है उस व्यक्ति पर Non-Bail able (गैर जमानती) वारंट जारी हो जाएगा.

IPC की धारा 354 मुख्यतः महिलाओं के

लिए लागू की जाने वाली धारा है। इस धारा

के अंतर्गत जब कोई व्यक्ति बल प्रयोग

से या किसी तरह के जोर जबरदस्ती से

किसी महिला के मान भंग या शील भंग

करने की कोशिश करता हैं, तो उसे कम से

कम 1 साल, से 5 साल तक की सजा और

आर्थिक जुर्माना होता है।

IPC की धारा 499 के अनुसार यदि किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसके मान-सम्मान के खिलाफ कुछ छपवाना मानहानि माना जाता है। धारा 500 के अंतर्गत मानहानि के लिए दंड के प्रावधान हैं। जहां अपराधी को दो वर्ष तक साधारण कारावास में रखा जाता है।

IPC धारा 323 की सजा और जमानत जो कोई भी व्यक्ति जानबूझकर कर किसी भी व्यक्ति के साथ झगड़ा करता है या चोट पहुँचाने के अपराध करने का दोषी (Guilty) पाया जाता है तो IPC की धारा 323 के तहत 1 वर्ष तक की कारावास (Imprisonment) की सजा व आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों से दंडित (Punished) किया जाता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 395 के अनुसार, जो भी कोई डकैती करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा डकैती। सजा - आजीवन कारावास या 10 वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दण्ड।

धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता की एक धारा है, जिसमे धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति का वितरण के लिए प्रेरित करने से संबंधित है। इस धारा के तहत दी जाने वाली अधिकतम सज़ा 7 साल की कैद और जुर्माना है।

"धारा 506 के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जो किसी दूसरे व्यक्ति को जान से मारने की धमकी देता है या उसकी किसी सम्पत्ति को आग लगा कर नष्ट करने की धमकी देता है अथवा किसी महिला के चरित्र व सम्मान को दोष देकर आरोप लगाता है तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।"

संविधान के 86वें संशोधन Act 2002 द्वारा अनुच्छेद 21 (A) जोड़ा गया था, जो यह प्रावधान करता है कि राज्य विधि बनाकर 6 से 14 वर्ष के सभी बालकों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के लिए उपबंध करेगा। इस अधिकार को व्यवहारिक रूप देने के लिए Parliament में निशुल्क एवं अनमिवार्य शिक्षा Act 2009 पारित किया ।

भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के अनुसार पुलिस के पास यह अधिकार हो जाता है, कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन बिना वारंट के गिरफ्तार करने के लिए उस व्यक्ति का जुर्म बहुत ही संगीन होना चाहिए, किसी मामूली से। या छोटे मामले में पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकते

भारत ऐसा एक मात्र देश है जहां लड़कियां पूरे साल के व्रत तो जानती हैं परंतु सविधान में उनकी सुरक्षा के लिए कितने आर्टिकल हैं, ये नही जानती.

अगर किसी शादीशुदा महिला पर उसके पति या उसके ससुराल वालों की ओर से किसी तरह की 'अतिदुष्ट व्यवहार की जा रही है तो आईपीसी की धारा 498A के तहत ये अपराध के दायरे में आता है. अतिदुष्ट व्यवहार, शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की हो सकती है. शारीरिक अतिदुष्ट व्यवहार में महिला से मारपीट करना शामिल है.

अगर आपकी गाड़ी के सारे कागजात गाड़ी में आपके साथ नहीं हैं। मगर वे सारे कागजात आपके घर पर हैं, तो मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 139 आपको यह अधिकार देता है कि आप वो सारे कागजात अपने घर से लाकर चेकिंग करने वाले अधिकारी को दिखा सकें। इस बीच वह अधिकारी ऑन द स्पॉट आपके वाहन का चालान नहीं काट सकता है।


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