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बड़े ही धूमधाम से मनाई गई वीर एकलव्य जयंती

अतरौलिया। बड़े ही धूमधाम से मनाई गई वीर एकलव्य जयंती। बता दे कि वीर एकलव्य की जयंती शुक्रवार को धूमधाम से मनाई गई। नगर पंचायत में झांकी निकाली गई जिसमें ईष्टदेव बीर एकलव्य समेत विभिन महापुरुषों,फूलन देवी के चित्रों को सजाया गया था। नगर में भव्य शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र रही। कार्यक्रम का आयोजन डॉ0 धर्मेंद्र निषाद राजू द्वारा  एकलव्य नगर में आयोजित किया गया, जहां उपस्थित लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर वीर एकलव्य को याद किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व भाजपा प्रत्याशी कन्हैया निषाद रहे। वीर एकलव्य की झांकी भव्य रथ पर सजाई गई थी जिसके पीछे चल रहे बच्चों के हाथों में तीर धनुष सुशोभित हो रहा था, वहीं महिलाएं गीत गा रही थी। यह शोभा यात्रा एकलव्य नगर से खानपुर फतेह, रोडवेज, बुधनिया रोड, गोला बाजार, बरन चौक, दुर्गा मंदिर, बब्बर चौक, केसरी चौक समेत पूरे नगर पंचायत का भ्रमण करते हुए पुनः संपन्न हुई।, मुख्य अतिथि कन्हैया निषाद ने बताया कि हमारे समाज के महापुरुष वीर एकलव्य के साथ अगर छलावा नहीं किया गया होता तो शायद इस धरती पर ऐसा वीर कोई नहीं होता। हम लोगों को अपने महापुरुषों पर गर्व है कि ऐसे वीर महापुरुष हम लोगों के कुल में जन्म लिए। उन्होंने सिर्फ एक बात पर अपना अंगूठा दान दे दिया, अगर अंगूठा रहा होता तो शायद अर्जुन भी ऐसे वीर नहीं होते। निषाद समाज के लोगों ने अंग्रेजों को भी पानी में डुबो डुबो कर मारा था। विशिष्ट अतिथि ने कहा कि रामायण में लिखा गया है कि बिना गुरु के ज्ञान नहीं हो सकता लेकिन हमारे महापुरुष एकलव्य ने उसे उलट दिया और बिना गुरु के ही ज्ञान अर्जित किया। हम लोगों द्वारा वीर एकलव्य की मूर्ति लगाने के लिए सरकार से निवेदन किया गया है की सरकार हम लोगों को किसी चौराहे पर स्थान दें जहां हम लोग अपने महापुरुष वीर एकलव्य की एक भव्य मूर्ति स्थापित कर सके। कार्यक्रम के आयोजन डॉ0 धर्मेंद्र निषाद राजू ने आए हुए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि आज हमें अपने महापुरुष वीर एकलव्य की जयंती पर उन्हें याद कर बेहद खुशी महसूस हो रही है। इस मौके पर महेंद्र यादव, संतराम, शंभू सोनकर ,वीरेंद्र निषाद ,सुरेंद्र निषाद ,अवतस निषाद, सोनू, बिंदल, राजेंद्र, भुवाल, छविराज निषाद, राजू राजभर, धर्मेंद्र ,सुजीत, प्रेम बाबू, बुधीराम, राजेश ,गोविंदा, पप्पू, चंद्रकला निषाद, कविता निषाद आदि रहे।


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