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जब गेट फांदकर अंदर घुसे अखिलेश यादव, देखते ही रह गई रोकने के लिए लगी पुलिस फोर्स

लखनऊ। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर लखनऊ में जेपीएनआईसी यानी (जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) का गेट सियासत का अखाड़ा बन गया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी और बार-बार रोके जाने के बावजूद देश के सबसे बड़े सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गेट फांदकर अंदर जाना तय किया तो यूपी की राजनीति को नजदीक से देखने-समझने वाले हैरान रह गए। लंबे अर्से बाद उन्हें मैदान में समाजवादी पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐसा अक्रामक अंदाज नज़र आया। लोकसभा चुनाव के चंद महीने पहले अचानक लड़ाई के मूड में सड़कों पर उतरी समाजवादी पार्टी के तेवर आने वाले दिनों में बीजेपी के मुकाबले में उसकी सियायत कैसी होगी ये संकेत दे रहे हैं। सच ये है कि भाजपा लोकनायक जयप्रकाश जी के भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई के ख़िलाफ़ छेड़े गये आंदोलन की स्मृति को दोहराने से डर रही है क्योंकि भाजपा के राज में तो भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई तब से कई गुना ज्यादा है। सपा प्रमुख यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा, अब क्या माल्यार्पण के लिए भी जयप्रकाश नारायण जी की तरह ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ का आह्वान करना पड़ेगा। अगर भाजपा को यही मंज़ूर है तो यही सही। अखिलेश की इस पोस्ट के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जेपीएनआईसी पहुंचने लगे। पार्टी नेता रामगोविंद चौधरी की अगुवाई में जेपीएनआईसी गेट पर धरना शुरू हो गया। सपाइयों का आरोप है कि रात से ही प्रशासन ने वहां ताला लगा दिया था। कोई दीवार फांदकर अंदर न जाने पाए इसके लिए टीन शेड की दीवार भी लगा दी थी। करीब 11.50 बजे पार्टी मुखिया अखिलेश यादव वहां पहुंच गए। उन्हें देख गेट पर मौजूद पुलिस सक्रिय हो गई। सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी अखिलेश यादव को रोकते रह गए लेकिन अखिलेश नहीं रुके। वे गेट फांदकर अंदर पहुंच गए और लोकनायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद दोपहर 1.50 बजे एक्स पर एक और पोस्ट में अखिलेश यादव ने जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- ‘जब लोकतंत्र में लोकनायक के माल्यार्पण के लिए बाधाएँ खड़ी की जाएं तो लोकतंत्र किस काम का।’


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