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पं0 दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद दर्शन के माध्यम से भारत की दृष्टि भारत के राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बना: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने एकात्म मानववाद व अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय  की जयंती पर आज यहां पं0 दीन दयाल उपाध्याय स्मृतिका, लखनऊ स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एकात्म मानववाद दर्शन के माध्यम से भारत की दृष्टि को भारत के राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बनाने वाले, राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता और ईमानदारी के प्रबल समर्थक अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की जयन्ती है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की वास्तविक जन्मभूमि उत्तर प्रदेश ही है। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के एक गांव में हुआ था। उन्होंने प्रदेश के अलग-अलग संस्थानों से शिक्षा अर्जित की थी। वह बचपन से ही अपने धुन के पक्के थे। कुशाग्र बुद्धि होने के कारण उन्हें स्कॉलरशिप मिलती गई और उनकी पढ़ाई आगे बढ़ती गई। भारत और भारतीयता के प्रति उनका दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट था। उन्होंने संस्कृति को राष्ट्र की आत्मा के पर्याय के रूप में उसका संवाहक माना। उनका स्पष्ट मत था कि भारतीय दृष्टिकोण, विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के विषय में पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की धारणा बहुत स्पष्ट थी। उनका स्पष्ट मत था कि आर्थिक उन्नति एवं प्रगति का पैमाना ऊंचे पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति से नहीं, बल्कि नीचे पायदान पर खड़े व्यक्ति से किया जाना चाहिए। आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्ति नहीं बल्कि सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति से हमें अपनी प्रगति की समीक्षा एवं आत्मावलोकन करना चाहिए। अन्त्योदय की उनकी इसी अवधारणा से स्वतंत्र भारत में गरीब कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने का एक माध्यम मिला।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री  अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में वर्ष 1998 से वर्ष 2004 के दौरान केन्द्र में कार्यरत सरकार का लक्ष्य भी गरीबों का उत्थान रहा था। इस दौरान अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई। विगत साढ़े नौ वर्ष में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व मंे केन्द्र सरकार द्वारा जो भी कार्य हुए हैं, इसके पीछे भी पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी का अन्त्योदय का संकल्प एवं प्रेेरणा है। हर हाथ को काम, हर खेत को पानी का उनका यह संकल्प सभी को आगे बढ़ाने की नई प्रेरणा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसान एवं महिलाएं भी सरकार के विकास के एजेंडे में शामिल हैं। गांव, गरीब, किसान महिला, युवा को विकास का आधार बनाकर कल्याणकारी योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू की जा रही हैं। विगत साढ़े नौ वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व मंे देश ने सर्वांगीण विकास का जो चमत्कार देखा है, वह पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की ही प्रेरणा है। इसके आधार पर आज हर नौजवानों को रोजगार की गारन्टी मिल रही है। महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त हो रहा है। किसानों को प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना के साथ ही, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम देने की कार्यवाही हो रही है। हर गरीब को आवास, शौचालय, गरीब महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन, हर गरीब को आयुष्मान भारत योजना से 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर एवं निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ मिल रहा है। एम0एस0एम0ई0 लोगों के रोजगार सृजन एवं आर्थिक स्वावलम्बन का एक आधार बना है। इस पर प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा कार्य भी पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की एक प्रेरणा है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रेरणा हम सभी को प्रकाश पुंज बन करके हमेशा प्रेरित करती रहेगी।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  कपिलदेव अग्रवाल, लखनऊ की मेयर  सुषमा खर्कवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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